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सावधान! क्या आप भी गलत दवा तो नहीं खा रहे हैं? सरकार ने 145 दवाओं को बताया ‘नॉट ऑफ स्टैंडर्ड क्वालिटी’

इनमें से 52 दवाओं की पहचान केंद्रीय औषधि प्रयोगशालाओं द्वारा की गई, जबकि अन्य 93 को राज्य औषधि परीक्षण प्रयोगशालाओं ने चिह्नित किया।

Last Updated- March 01, 2025 | 6:26 PM IST
Drug
फोटो क्रेडिट: Pexels

केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (CDSCO) ने जनवरी 2025 के लिए 145 दवाओं और फॉर्मूलेशनों के चयनित बैचों को “गुणवत्ता मानकों में असफल” (Not of Standard Quality – NSQ) के रूप में लिस्ट किया है। इनमें उच्च रक्तचाप, एलर्जी और मतली जैसी बीमारियों की दवाएं शामिल हैं। इन 145 NSQ दवाओं में 52 की पहचान केंद्रीय औषधि प्रयोगशालाओं द्वारा की गई, जबकि अन्य 93 को राज्य औषधि परीक्षण प्रयोगशालाओं द्वारा चिह्नित किया गया हैं। NSQ दवाएं वे होती हैं जो राष्ट्रीय या अंतरराष्ट्रीय मानकों को पूरा नहीं करती हैं।

इनमें ग्लेनमार्क फार्मा की उच्च रक्तचाप की लोकप्रिय दवा Telma AM और अल्केम हेल्थ साइंसेज की Ondem-4 टैबलेट का नमूना भी शामिल है, जो मतली और उल्टी को रोकने के लिए इस्तेमाल की जाती है। स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी एक नोट में कहा गया कि यह केवल उन दवाओं तक ही सीमित है जिनका परीक्षण सरकारी प्रयोगशालाओं द्वारा किया गया है और बाजार में उपलब्ध अन्य दवा उत्पादों के बारे में कोई चिंता की जरूरत नहीं है।

NSQ की लिस्ट में फिक्स्ड-डोज कॉम्बिनेशन (FDCs) के बैच भी शामिल हैं। इसमें मुख्य रूप से खांसी की सिरप, एंटीबैक्टीरियल और एंटीबायोटिक्स शामिल हैं, जिनका उपयोग टॉन्सिलिटिस, कान में संक्रमण, गले के संक्रमण, मूत्र मार्ग में संक्रमण (UTI) और ब्रोंकाइटिस जैसी जीवाणु संक्रमणों के इलाज के लिए किया जाता है। कुछ दवाओं के नमूनों में मोंटेलुकास्ट सोडियम और लेवोसेटिरिजिन हाइड्रोक्लोराइड की FDC टैबलेट शामिल हैं, जिन्हें आमतौर पर एलर्जी के इलाज के लिए इस्तेमाल किया जाता है।

कहां बन रही हैं ये दवाईयां?

इस महीने केंद्रीय प्रयोगशालाओं द्वारा NSQ घोषित की गई अधिकांश दवाओं का उत्पादन अहमदाबाद और वडोदरा (गुजरात), बद्दी (हिमाचल प्रदेश), तारापुर (महाराष्ट्र), पुडुचेरी, और हरिद्वार व रुड़की (उत्तराखंड) में स्थित कारखानों में किया गया था।

जनवरी की इस चेतावनी के साथ ही, यह लगातार दूसरा महीना है जब शीर्ष औषधि नियामक ने किसी भी दवा को नकली के रूप में लिस्ट नहीं किया है। लगातार निगरानी के चलते CDSCO दुकान या फिर अन्य जगहों से दवाओं के नमूने जुटाता है, उसका रिसर्च करता है मासिक आधार पर CDSCO पोर्टल पर नकली दवाओं की लिस्ट जारी करता है।

NSQ की चेतावनी में कहा गया, “नकली दवाओं की लिस्ट जारी करने का उद्देश्य बाजार में पहचाने गए नकली दवा बैचों के बारे में लोगों को जागरूक करना है।”

स्वास्थ्य मंत्रालय के नोट में यह भी कहा गया कि जनवरी में NSQ रिपोर्टिंग में राज्यों की भागीदारी में बढ़ोतरी देखी गई है। इसमें कहा गया, “राज्यों से केंद्रीय डेटाबेस में NSQ और नकली दवाओं की पहचान की बढ़ी हुई रिपोर्टिंग से देश और विदेश में गुणवत्तापूर्ण दवाओं की उपलब्धता में सुधार करने में मदद मिलेगी।”

First Published - March 1, 2025 | 6:26 PM IST

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