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बदरंग दशहरी से निर्यात को झटका

Last Updated- December 07, 2022 | 12:03 PM IST

तेज बारिश के बाद काला पड़ा दशहरी का रंग निर्यातकों को भारी पड़ रहा है। बीते सालों के ठीक उलट इस साल मलिहाबादी दशहरी के विदेशों के निर्यात ऑर्डर रद्द होने लगे हैं।


ऐसा दशहरी के काले पड़े रंग के चलते हो रहा है। विदेशों के अलावा घरेलू बाजारों में दशहरी की मांग खत्म हो चली है। लखनऊ सहित प्रदेश के अन्य शापिंग मॉल में भी रिटेल स्टोर काले पड़ चुके दशहरी को बिक्री के लिए रखने से कतरा रहे हैं।

काकोरी के मैंगो पैक हाउस ने पैकिंग का काम बंद कर दिया है। इसका कारण दशहरी की घटिया क्वॉलिटी और मांग में कमी को बताया जा रहा है। पहले तेज आंधी से फल पट्टी क्षेत्र में तैयार फसल को खासा नुकसान हुआ। उसके बाद लगातार और समय से पहले आ गए मानसून ने दशहरी का रंग काला कर दिया। एक मोटे अनुमान के मुताबिक तेज हवा के चलते एक चौथाई फसल बर्बाद हो गयी है। प्रदेश मे दशहरी आम का सीजन 15 मई से शुरू होकर करीब दो महीने तक चलता है। इस साल उत्तर प्रदेश में दशहरी की अच्छी फसल का अनुमान लगाया जा रहा था।

समय से पहले मानसून के आ जाने से दशहरी आम ठीक से पक न सका और निर्यातकों की आशाओं पर पानी फिर गया। सिंगापुर, मलयेशिया और हांगकांग में जरूर मलिहाबादी दशहरी की प्रदर्शनी लगाने के बाद कुछ निर्यातकों को ऑर्डर मिले थे। इसके अलावा दशहरी को दुबई से भी निर्यात ऑर्डर मिले थे। इस सबके बावजूद इस साल दशहरी उत्पादकों के लिए घरेलू बाजार ही सबसे बड़ा सहारा था, जहां माल की उठान न हो पाने से नुकसान उठाना पड़ा है।

मंडी परिषद ने 7 साल पहले मलिहाबाद के दशहरी को ‘नवाब’ ब्रांड नाम देकर इसका निर्यात विदेशों में शुरू किया था। हालांकि मंडी परिषद ने प्रदेश के दशहरी आम को निर्यात करने की कवायद 2004 में औपचारिक रूप से की, पर 2007 में पहली बार विदेशी सरजमीं पर दशहरी की हलचल सुनाई पड़ी, जब अकेले उत्तर प्रदेश से 44.98 टन आम जापान, मलयेशिया और खाड़ी देशों में भेजा गया। पिछले साल के निर्यात के आंकड़ों से उत्साहित होकर मंडी परिषद ने इस बार बड़े पैमाने पर दशहरी आम विदेश भेजने की योजना बनाई थी।

मंडी परिषद के चेयरमैन और प्रदेश सरकार के समाज कल्याण मंत्री इंद्रजीत सरोज के अनुसार नवाब आम को विदेशों में लोकप्रिय बनाने के लिए मलयेशिया और सिंगापुर में मैंगो फेस्टिवल का आयोजन किया गया। सरकार की इस सारी कवायद पर दशहरी की बदली रंगत ने पानी फेर दिया है। आम उत्पादक संघ के पदाधिकारी शिवसरन सिंह के मुताबिक पिछले साल अकेले मुंबई को हर रोज एक ट्रक दशहरी मलिहाबाद से जाता था, जो कि इस साल करीब-करीब बंद है।

First Published - July 19, 2008 | 12:27 AM IST

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