सार्वजनिक क्षेत्र के करीब 4 लाख अधिकारियों को सरकार ने एक बार और वेतन वृद्धि की सौगात दी है।
प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में सरकार ने उनके वेतन-भत्तों में 20 प्रतिशत की अतिरिक्त बढ़ोतरी करने की घोषणा की है।
उल्लेखनीय है कि पिछले साल की गई वेतन बढ़ोतरी के बाद पीएसयू कर्मियों का वेतन दोबारा बढ़ाया गया है। बैठक में 78.2 प्रतिशत मंहगाई भत्ते को मूल वेतन के साथ विलय करने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी गई।
पिछले साल नवंबर की घोषणा के मुताबिक 68.8 प्रतिशत डीए का विलय मूल वेतन में किया गया था। सरकार ने यह फैसला गृहमंत्री पी. चिदंबरम की अध्यक्षता में गठित समिति की सिफारिशों के आधार पर किया है।
तेल कंपनियों सहित पीएसयू के अधिकारियों ने सरकार पर वेतन वृद्धि का दबाव बना रहे थे। उनका कहना था कि पिछली बार जो बढ़ोतरी की गई थी, वह काफी नहीं है। इस मामले को लेकर तेल अधिकारी तीन माह पहले हड़ताल पर भी चले गए थे।
संशोधित वेतन-भत्ते 26 नवंबर 2008 से लागू होंगे, बशर्ते राष्ट्रपति का निर्देश महीने भर के भीतर आ जाए। चिदंबरम ने कहा कि इस बढ़ोतरी से केन्द्रीय सार्वजनिक उपक्रमों के लगभग चार लाख अधिकारियों को फायदा होगा। सुधरे हुए वेतन पैकेज में आवास भत्ते की बढ़ोतरी और रिटायरमेंट के फायदे भी शामिल होंगे।