बजट

नई परियोजनाएं होंगी शुरू, पेट्रोलियम भंडारों को मिले 5,597 करोड़ रुपये

मुख्य आवंटन के अलावा आईएसपीआरएल को वित्त वर्ष 26 में भूमि खरीदने के लिए 235 करोड़ रुपये भी दिए गए हैं।

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शुभायन चक्रवर्ती   
Last Updated- February 03, 2025 | 6:49 AM IST

बजट में पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय को इंडियन स्ट्रेटैजिक पेट्रोलियम रिजर्व लिमिटेड (आईएसपीआरएल) परियोजना के दूसरे चरण के विकास के लिए 5,597 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। इस परियोजना के तहत दो विशाल भूमिगत भंडारों को पेट्रोलियम भंडारण सुविधाओं में बदला जाएगा। इस निधि से ओडिशा के चांदीखोल में 40 लाख टन क्षमता वाले दो वाणिज्यिक सह रणनीतिक भंडारण का निर्माण और कर्नाटक में 25 लाख टन क्षमता के पडूर सामरिक भंडार का विस्तार किया जाएगा।

इंडियन स्ट्रेटेजिक पेट्रोलियम रिजर्व लि. पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले तेल उद्योग विकास बोर्ड (ओआईडीबी) के पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक इकाई है। यह विशाखापत्तनम, मंगलूरु और पडूर में कुल 53.3 लाख टन क्षमता वाले तीन सामरिक कच्चे तेल भंडारण का प्रबंधन करती है। विशाखापत्तनम की 13.3 लाख टन क्षमता का संयंत्र जून 2015 में शुरू हुआ था जबकि 15 लाख टन क्षमता का मंगलूरु संयंत्र और 25लाख टन क्षमता वाला पडूर संयंत्र क्रम से अक्टूबर 2016 और दिसंबर 2018 में सेवा देने लगा था।

मुख्य आवंटन के अलावा आईएसपीआरएल को वित्त वर्ष 26 में भूमि खरीदने के लिए 235 करोड़ रुपये भी दिए गए हैं। यह रकम वित्त वर्ष 25 के 50 करोड़ रुपये से ज्यादा है। इसके अलावा 100 करोड़ रुपये भंडारों के निर्माण पर खर्च करने के उद्देश्य से आवंटित किए गए हैं। इस आवंटन से इस साल के बजट में पेट्रोलियम मंत्रालय की बजट राशि बढ़ गई है। मंत्रालय के हिस्से में वित्त वर्ष 26 के लिए 19,326.9 करोड़ रुपये आए हैं जो वित्त वर्ष 25 में आवंटित 15,930.2 करोड़ रुपये के मुकाबले 21.3 प्रतिशत अधिक है।

तेल और गैस सेवाएं देने वाली एशियन एनर्जी सर्विसेज लिमिटेड के प्रबंध निदेशक कपिल गर्ग ने कहा, ‘ ऊर्जा भंडारण, ग्रिड आधुनिकीकरण और सामरिक तेल भंडारों का विस्तार करके सरकार जमीनी स्तर पर लचीला और विविधतापूर्ण ऊर्जा मिश्रण ढांचा खड़ा कर रही है।’ संसद में पेश पेट्रोलियम मंत्रालय की रिपोर्ट के अनुसारसंयुक्त रूप से तीनों संयंत्र राष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल की 9.5 दिन की जरूरत को पूरा करते हैं।इसके अतिरिक्त देश में ऑयल मार्केटिंग कंपनियां भी भंडारण इकाइयां संचालित कर रही हैंजिनसे कच्चे तेल और पेट्रोलियम उत्पाद की 64.5 दिन की जरूरत को पूरा किया जा सकता है।

मिशन अन्वेषण के लिए भी बजट में 592 करोड़ रुपये दिए गए हैं। सरकार की योजना देश की विशाल तलछट घाटियों में निकाले जाने योग्य तेल और गैस स्रोतों का पता लगाना है।यह मिशन 2025 में 2डी और 3डी भूकंपीय आंकड़े जुटाने, भू-रासायनिक सर्वेक्षण करने और पैरामीट्रिक कुओं की खुदाई के साथ धीमी गति से शुरू हुआ था। पिछले वर्ष के बजट में इसे 332 करोड़ रुपये मिले थे।लेकिन इनमें से कुल 50 करोड़ रुपये की राशि ही खर्च हो पाई थी।लेकिन इस बार के बजट में कच्चे तेल में ऊर्जा परिवर्तन के लिए बड़ा बजट नहीं दिया गया है, जैसा कि तेल मार्केटिंग कंपनियों से पहले वादा किया गया था। बाद में खत्म कर दिया गया।

First Published : February 3, 2025 | 6:49 AM IST