Budget 2024: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज लोकसभा में मोदी 3.0 सरकार का पहला बजट पेश किया। न्यू टैक्स रिजीम के तहत नौकरीपेशा लोगों को कुछ राहत दी गई, जबकि ओल्ड टैक्स रिजीम पर कुछ भी नहीं कहा गया। बजट में सरकार ने प्रॉपर्टी की ब्रिकी पर मिलने वाले इंडेक्सेशन बेनिफिट (indexation benefits) को समाप्त कर दिया।
लोकसभा में बजट पेश करते हुए आज वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने प्रॉपर्टी की बिक्री पर लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स (LTCG) टैक्स को 20 फीसदी से घटाकर 12.5 फीसदी करने की घोषणा की। शुरुआत में यह फैसला अच्छा लगता है, मगर पूरी कैलकुलेशन करने पर समझ में आता है कि सरकार ने प्रॉपर्टी में निवेश करने वालों की जेब काट ली है।
इसे समझने के लिए आपको पहले कॉस्ट इन्फ्लेशन इंडेक्स (Cost Inflation Index) को समझना होगा। यह एक ऐसा नंबर होता है, जो हर साल बदलता है।
अब एक उदाहरण से इसे समझते है, मान लीजिए आपने साल 2014-15 में 20 लाख रुपये में कोई प्रॉपर्टी खरीदी। साल 2023-24 में आपने यह प्रॉपटी 40 लाख रुपये में बेच दी।
परचेज प्राइस/ इश्यू प्राइस: 20 लाख रुपये
कॉस्ट इंफ्लेशन इंडेक्स (CII) (2014-15): 240
कॉस्ट इंफ्लेशन इंडेक्स (CII) (2023-24): 331
इन्फ्लेशन को एडजस्ट करने के बाद परचेज प्राइस: 20,00,000 x (331/240) = 27,58,333 रुपये
सेलिंग प्राइस: 40 लाख रुपये
टैक्सेबल कैपिटल गेन (after Indexation): 40,00,000- 27,58,333- 12,41,667
पहले के नियम के हिसाब से आपको 12,41,667 रुपये पर टैक्स का भुगतान करना था।
परचेज प्राइस/ इश्यू प्राइस : 20 लाख रुपये
सेलिंग प्राइस: 40 लाख रुपये
टैक्सेबल कैपिटल गेन: 40-20 = 20 लाख रुपये
नए नियम के मुताबिक, कुल मिलाकर अब आपको 20 लाख रुपये पर टैक्स का भुगतान करना होगा।
बजट पेश होने से पहले तक प्रॉपर्टी की ब्रिकी से होने वाले लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन पर 20 फीसदी टैक्स लगता था, मगर इसके साथ ही इंडेक्सेशन बेनिफिट भी मिलता था। नए नियम के तहत, अब टैक्स तो 12.5 फीसदी लगेगा, मगर इंडेक्सेशन बेनिफिट नहीं मिलेगा। इसका सीधा मतलब है कि टैक्स में कटौती के बावजूद भी प्रॉपर्टी की ब्रिकी पर इंडेक्सेशन बेनिफिट नहीं मिलने के कारण अब आपको ज्यादा टैक्स देना होगा।
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इस फैसले का व्यापक असर रियल्टी शेयरों पर देखने को मिला। आज के कारोबार में रियल एस्टेट सेक्टर सबसे खराब प्रदर्शन करने वालों में से एक था। निफ्टी-50 इंडेक्स सपाट बंद हुआ। इसके विपरीत निफ्टी रियल्टी इंडेक्स (Nifty Realty index) 2.29 फीसदी टूट गया।
एक समय निफ्टी रियल्टी के सभी शेयर लाल निशान में कारोबार कर रहे थे। कारोबार के अंत में इस इंडेक्स के 8 शेयर लाल और 2 शेयर हरे निशान में बंद हुए। सनटेक रियल्टी प्रदर्शन सबसे खराब रहा और इसमें 4.55 फीसदी की गिरावट आई। ओबेरॉय रियल्टी, गोदरेज प्रॉपर्टीज, ब्रिगेड एंटरप्राइजेज और मैक्रोटेक डेवलपर्स में लगभग 3 से 4 फीसदी तक की गिरावट आई। DLF में 2.95 फीसदी, सोभा में 1.08 फीसदी और प्रेस्टीज एस्टेट्स में 0.81 फीसदी की गिरावट आई। वहीं, फीनिक्स मिल्स 0.46 फीसदी और महिंद्रा लाइफस्पेस डेवलपर्स लिमिटेड 0.10 फीसदी बढ़ा।