पिछले साल चंद्रमा की सतह पर चंद्रयान-3 की सफलतापूर्वक सॉफ्ट लैंडिंग के बाद अंतरिक्ष क्षेत्र की निजी कंपनियों को सरकार से राहत मिलने की आस जगी है।
इस क्षेत्र की कंपनियों की चाहत है कि इस बार के बजट में केंद्र सरकार उपग्रहों, प्रक्षेपण वाहन और उपकरण विनिर्माण में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की मंजूरी देने के साथ-साथ उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना उनके लिए भी शुरू करे और जीएसटी कर में छूट दे।
बेंगलूरु की अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी स्टार्टअप पिक्सल के सह-संस्थापक और मुख्य कार्य अधिकारी अवैस अहमद ने कहा, ‘भारत के अंतरिक्ष क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की बात चल रही है और इस पर स्पष्टता जरूरी है। यह रक्षा जैसे क्षेत्र में एफडीआई जैसा हो सकता है।’
उन्होंने कहा, ‘एफडीआई लागू करने और विदेशी कंपनियों द्वारा पूंजी लगाने की अनुमति देने से चीजें आसान होंगी। कम से कम 74 फीसदी एफडीआई लागू होने से उद्योग को राहत मिलेगी।’