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Budget 2025: निर्मला सीतारमण की ‘सुपर टीम’ कैसे बदल सकती है देश की अर्थव्यवस्था? जानें 7 सदस्यों के बारे में

आर्थिक वृद्धि, राजकोषीय घाटा और खपत बढ़ाने पर ध्यान; वित्त मंत्रालय की नई टीम रणनीति तैयार करने में जुटी

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रुचिका चित्रवंशी   
हर्ष कुमार   
मोनिका यादव   
Last Updated- January 31, 2025 | 6:25 AM IST

नरेंद्र मोदी सरकार के 2014 में सत्ता संभालने के बाद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी को सरकार का 14वां बजट पेश करने जा रही हैं। पिछले साल जुलाई में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार बनने के बाद यह पहला पूर्ण बजट होगा।

आर्थिक मामलों के सचिव और मुख्य आर्थिक सलाहकार के अलावा अधिकारियों की पूरी एक नई टीम सीतारमण को आगामी बजट की रणनीति तैयार करने में मदद कर रही है। वित्त वर्ष 2025 की दूसरी तिमाही में 5.4 प्रतिशत की अपेक्षाकृत कम वृद्धि दर के बाद आगामी बजट में देश में उपभोग, विनिर्माण और रोजगार को बढ़ावा देने वाले सुधारों को गति दिए जाने की उम्मीद है। सरकार से यह भी उम्मीद की जा रही है कि वह वित्त वर्ष 2026 में राजकोषीय घाटे को सकल घरेलू उत्पाद के 4.5 प्रतिशत से नीचे लाने के राजकोषीय लक्ष्य पर कायम रहेगी।

निर्मला सीतारमण

निर्मला सीतारमण देश की पहली वित्तमंत्री होंगी, जो एक अंतरिम बजट सहित लगातार आठवां बजट पेश करेंगी। सीतारमण के पहले मनमोहन सिंह, अरुण जेटली, पी चिदंबरम और यशवंत सिन्हा ने लगातार 5 बजट पेश किए थे।

वह ऐसे समय में वित्त वर्ष 2026 का बजट पेश करने जा रही हैं, जब वैश्विक अनिश्चितता बढ़ रही है, घरेलू मांग में सुस्ती है और निजी निवेश को अभी गति पकड़नी है। उम्मीद की जा रही है कि उपभोग पर आधारित आर्थिक सुधार के लिए मध्यम वर्ग को कर में छूट देने की मांग के बीच वित्त मंत्री सार्वजनिक व्यय को बढ़ावा देंगी।

सीतारमण ने जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र की पढ़ाई की है। मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में वह वाणिज्य व रक्षा मंत्रालय संभाल चुकी हैं। सीतारमण कर्नाटक से राज्य सभा सदस्य हैं।

वी अनंत नागेश्वरन

भारत के मुख्य आर्थिक सलाहकार वी अनंत नागेश्वरन लेखक एवं अध्यापक हैं। वह सीतारमण के नजदीकी सलाहकारों में से एक हैं। बजट की वृहद आर्थिक पृष्ठभूमि तैयार करने में उनकी भूमिका है, जिसके आधार पर बजट लक्ष्य निर्धारित किए जाते हैं और बजट भाषण लिखा जाता है। अर्थशास्त्रियों की अपनी टीम के साथ सीईए आर्थिक समीक्षा लिखते हैं, जिसे बजट पेश किए जाने के एक दिन पहले (31 जनवरी) को संसद में पेश किया जाना है।

प्रायः विश्लेषक इस समीक्षा से बजट के बारे में अनुमान लगाने की कवायद करते हैं। उनका 3 साल का कार्यकाल इस वित्त वर्ष में समाप्त होने जा रहा है। नागेश्वरन ने भारतीय प्रबंध संस्थान, अहमदाबाद (आईआईएम-ए) से एमबीए की उपाधि ली है और एमहर्स्ट में मैसाचुसेट्स यूनिवर्सिटी से डॉक्टरेट की डिग्री प्राप्त की है।

एम नागराजू

त्रिपुरा कैडर के 1993 बैक के आईएएस अधिकारी एम नागराजू को 19 अगस्त, 2024 को वित्त मंत्रालय के वित्तीय सेवा विभाग में सचिव के पद पर नियुक्त किया गया। वह फिनटेक के विनियमन, वित्तीय समावेशन और डिजिटल वित्तीय बुनियादी ढांचे के निर्माण पर इस बजट में वित्त मंत्री को सलाह देने वाले प्रमुख व्यक्तियों में से एक होंगे। नागराजू ने 2008 से 2012 के बीच वाशिंगटन में विश्व बैंक के कार्यकारी निदेशक के सलाहकार के रूप में भी काम किया, जो उनके अंतरराष्ट्रीय वित्त की विशेषज्ञता को बढ़ाता है।

हैदराबाद विश्वविद्यालय से परास्नातक नागराजू इसके पहले स्वास्थ्य, महिला एवं बाल विकास, वित्त, वाणिज्य और उद्योग जैसे महत्त्वपूर्ण विभागों में सचिव से लेकर प्रधान सचिव पद पर रह चुके हैं।

तुहिन कांत पांडेय

वित्त सचिव तुहिन कांत पांडेय ने 9 जनवरी को वित्त मंत्रालय में राजस्व सचिव का कार्यभार संभाला। आगामी बजट में राजस्व बढ़ाने के साथ कर व्यवस्था को सरल बनाना उनके लिए सबसे बड़ी चुनौती होगी। ओडिशा कैडर के 1987 बैच के भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) अधिकारी पांडेय ने दीपम सचिव के रूप में 24 अक्टूबर, 2019 को पदभार संभालने के बाद 5 साल से ज्यादा काम किया।

उन्हें पिछले साल सितंबर में वित्त सचिव बनाया गया था। पांडेय को सरकारी विमानन कंपनी एयर इंडिया की बिक्री पूरी करने का श्रेय दिया जाता है, जो लंबे समय से अटकी थी। दीपम सचिव के रूप में उन्होंने भारतीय जीवन बीमा निगम को शेयर बाजार में लाने में भी अहम भूमिका निभाई है।

अरुणीश चावला

बिहार कैडर के 1992 बैच के आईएएस अधिकारी अरुणीश चावला को 15 दिन तक राजस्व सचिव रहने के बाद 8 जनवरी को विनिवेश एवं सार्वजनिक संपत्ति प्रबंधन विभाग के सचिव का पदभार मिला। उन्होंने अस्थायी रूप से सार्वजनिक उद्यम विभाग और संस्कृति मंत्रालय में भी पदभार संभाला। दीपम सचिव के रूप में चावला विनिवेश, मुद्रीकरण और आईडीबीआई बैंक बेचने सहित कई अन्य सरकारी पहल का काम देखेंगे। 2024 में विनिवेश के प्रति सरकार के दृष्टिकोण में बदलाव को देखते हुए उनकी भूमिका विशेष रूप से महत्त्वपूर्ण है।

अजय सेठ

कर्नाटक कैडर के 1987 बैच के आईएएस अधिकारी सेठ अप्रैल, 2021 से वित्त मंत्रालय के आर्थिक मामलों के विभाग (डीईए) के सचिव का पदभार संभाल रहे हैं। डीईए सचिव बजट बनाने की प्रक्रिया का प्रमुख वास्तुकार होता है, जो राजकोषीय योजना, अंतर-मंत्रालयी समन्वय और नीति निर्माण पर ध्यान केंद्रित करता है। सेठ को भारत के पहले सॉवरिन ग्रीन बॉन्ड इश्युएंस की पहल करने और इन्फ्रास्ट्रक्चर फाइनैंस सेक्रेटरिएट के सृजन का श्रेय दिया जाता है। आगामी बजट में अर्थव्यवस्था को राजकोषीय सुधार के रास्ते पर बनाए रखने के साथ ऋण व सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के अनुपात को लक्षित कर नई रणनीति बनाना सेठ के एजेंडे में प्राथमिकता में शामिल होंगे।

मनोज गोविल

मध्यप्रदेश कैडर के 1991 बैच के आईएएस अधिकारी मनोज गोविल पिछले साल अगस्त से वित्त मंत्रालय में व्यय सचिव हैं। इसके पहले वह कॉर्पोरेट कार्य मंत्रालय में सचिव थे। व्यय सचिव के रूप में गोविल नई योजनाओं को मंजूरी देने, व्यय के दिशानिर्देश तैयार करने और राज्यों को संसाधनों के हस्तांतरण के अलावा अन्य कई जिम्मेदारियां निभाएंगे। 3 दशक से ज्यादा के कार्यकाल के दौरान वह मध्यप्रदेश सरकार में वित्त और वाणिज्यिक कर के प्रभारी प्रमुख सचिव रहे हैं।

First Published : January 27, 2025 | 10:45 PM IST