वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को बजट भाषण में कहा था कि शीघ्र खराब होने वाले सामान की बाजार में समुचित आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाए गए हैं। उन्होंने कहा था कि महंगाई कम, स्थिर रहेगी और चार फीसदी के दायरे की ओर बढ़ रही है। हालांकि कुल महंगाई के बॉस्केट में खाद्य महंगाई अत्यधिक ऊंची बनी हुई है।
सीपीआई-कंबाइंड की गणना के अनुसार जुलाई 2023 से जून 2024 के दौरान खाद्य महंगाई 6.6 से 11.5 फीसदी के दायरे में रही। वर्ष 2023 में अलनीनो की वजह से मॉनसून सुस्त व अपर्याप्त रहा था और बारिश अपर्याप्त हुई थी। कम बारिश को बीते साल उच्च खाद्य महंगाई के लिए प्रमुख वजह माना गया। इस समस्या का हल ढूंढ़ने के लिए उपभोक्ता मामलों के विभाग ने दो प्रावधान किए हैं। इसके तहत खाद्य व सार्वजनिक वितरण विभाग भी मदद करेगा।
इसके तहत उपभोक्ता मामलों के विभाग को दाम स्थिरीकरण कोष (पीएसएफ) के तहत 10,000 करोड़ रुपये दिए गए हैं। बजट दस्तावेज के अनुसार इस कोष का इस्तेमाल दाल, प्याज और आलू का बफर स्टॉक को रखने के लिए किया जाएगा। जरूरत पड़ने पर इन जिंसों के बढ़े दामों को नियंत्रित करने के लिए इस स्टॉक का इस्तेमाल किया जाता है।
कृषि मंत्रालय के अधीन 2014-15 में पहली बार पीएसएफ कोष की स्थापना की गई थी ताकि आवश्यक कृषि और बागवानी के जिसों जैसे प्याज और आलू के दाम में उतार-चढ़ाव आने की स्थिति में कीमतें नियंत्रित की जा सकें। इस क्रम में बाद में दालों को भी शामिल किया गया था। इस कोष को 1 अप्रैल, 2016 से उपभोक्ता मामलों को स्थानांतरित कर दिया गया था।
यह कोष इन रणनीतिक जिंसों के भंडारण को बनाए रखने में मदद करता है। इसका उपयोग दामों में उतार – चढ़ाव होने पर जिंस की आपूर्ति को बढ़ाकर दाम कम करने के लिए किया जाता है ताकि जमाखोरी और गैर जिम्मेदाराना आचरण को हतोत्साहित किया जा सके।
यह कोष एजेंसियों को धन मुहैया करता है ताकि वे इस भंडार को बनाने के लिए किसानों के खेत या मंडी से सीधे खरीदारी करें। हाल के वर्षों में सबसे अधिक राशि वाले कोषों में से वित्त वर्ष 25 के लिए तय 10,000 करोड़ रुपये का कोष है।
बजट दस्तावेज के अनुसार वित्त वर्ष 25 से पहले वित्त वर्ष 21 में इस कोष के लिए सर्वाधिक व्यय की गई राशि 11,135.30 करोड़ रुपये थी।
बजट में खासतौर पर यह दर्शाया गया है कि यह कोष और इसकी उपलब्ध शेष राशि को व्यापक तौर पर दालों जैसे चना, तूर, उड़द, मूंग और मसूर के दामों को स्थिर करने के लिए इस्तेमाल किया जाएगा। दालों के औसत खुदरा मूल्य के लिए लक्ष्य यह है कि इसे 2018-19 और 2022-23 के दौरान गणना की गई उच्चतम और न्यूनतम मासिक औसत के दायरे में रखा जाए। इसी तरह का फॉर्मूला प्याज के लिए भी तैयार किया गया है।
इसके अलावा खाद्य और सार्वजनिक वितरण विभाग के लिए वित्त वर्ष 25 के बजट अनुमान में खाद्य भंडारण और वेयरहाउसिंग के लिए ऋणों की राशि दोगुनी करके 50,000 करोड़ रुपये कर दी गई है जबकि यह राशि वित्त वर्ष 25 के संशोधित अनुमान में करीब 25,000 करोड़ रुपये थी।