प्रतीकात्मक तस्वीर
जापान की प्रमुख वाहन कंपनी होंडा मोटर कंपनी लि. अपनी भविष्य की विकास रणनीति के तहत अपने प्रमुख बाजार भारत में निवेश करना जारी रखेगी। इसके साथ ही कंपनी अपने वाहनों के विद्युतीकरण में तेजी लाएगी। कंपनी का लक्ष्य 2050 तक कॉर्बन निरपेक्षता हासिल करने का है। कंपनी के एक शीर्ष अधिकारी ने यह जानकारी दी।
होंडा मोटर के अध्यक्ष एवं मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) तोशीहिरो मिबे ने कंपनी के मुख्यालय में भारतीय पत्रकारों के साथ बातचीत में कहा, ‘‘वैश्विक स्तर पर होंडा अन्य कंपनियों के साथ गठजोड़ और सहयोग के लिए तैयार है। लेकिन यह गठजोड़ परिवहन के क्षेत्र में सभी के लिए लाभ का होना चाहिए।
उन्होंने कहा, ‘‘हमारी रणनीति 2050 तक कार्बन निरपेक्षता हासिल करने की है। इसके लिए हमने 2030-35 और 2040 के लिए लक्ष्य तय किए हैं…होंडा के लिए भारत एक बड़ा बाजार है। यह ऐसा बाजार है जहां कार और दोपहिया दोनों में विद्युतीकरण तेजी से हो रहा है।’’
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भारत के महत्व को रेखांकित करते हुए एशियन होंडा मोटर कंपनी के अध्यक्ष और सीईओ तोशियो कुवाहारा ने कहा, ‘‘भारतीय बाजार अपने आकार के कारण हमारे लिए काफी महत्वपूर्ण है। यह पहले से ही बिक्री के मामले में हमारे लिए दुनिया में सातवें स्थान पर है।’’
उन्होंने कहा कि चीन को छोड़कर जब हम एशिया-प्रशांत क्षेत्र को देखते हैं, तो विद्युतीकरण या इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए जो बाजार महत्वपूर्ण होने वाला है, वह भारत है। हमें लगता है कि भारत पर भी ध्यान दिया जाना चाहिए।
भारत में अपने परिचालन के पुनर्गठन के साथ होंडा ने इस साल जून में वर्ष 2030 तक देश में अपने पूर्ण इलेक्ट्रिक मॉडल सहित पांच नए स्पोर्ट्स यूटिलिटी वाहन (एसयूवी) उतारने की योजना की घोषणा की थी। कंपनी भारत में अपनी स्थिति को बेहतर करने का प्रयास कर रही है, क्योंकि वहां यात्री वाहन खंड में एसयूवी सबसे तेजी से बढ़ता बाजार है।