जीएसटी परिषद के इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) पर 5 प्रतिशत की रियायती दर बरकरार रखने से ईवी विनिर्माताओं ने राहत की सांस ली है। हालांकि अब उन्हें पेट्रोल और डीजल की छोटी कारों से प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ेगा जिन पर 18 प्रतिशत की घटी दर लागू होगी। परिषद की बैठक से पहले मीडिया में खबरों में कहा गया था कि 20 लाख से 40 लाख रुपये के बीच वाली इलेक्ट्रिक कारों पर जीएसटी बढ़ाकर 18 प्रतिशत और 40 लाख रुपये से अधिक दाम वाली कारों पर 28 प्रतिशत किया जा सकता है। इस चर्चा ने भारत में नए ईवी उद्योग में चिंता पैदा कर दी थी।
ईवी विनिर्माताओं के लिए बुधवार रात की यह घोषणा राहत भरी रही। इसे नीतिगत निरंतरता के संकेत के रूप में देखा गया। टाटा मोटर्स पैसेंजर व्हीकल्स और टाटा पैसेंजर इलेक्ट्रिक मोबिलिटी के प्रबंध निदेशक शैलेश चंद्रा ने कहा, ‘इलेक्ट्रिक वाहनों पर 5 प्रतिशत जीएसटी दर बरकरार रखने का जीएसटी परिषद का फैसला दूरदर्शी है जो पर्यावरण अनुकूल, शून्य-उत्सर्जन वाली मोबिलिटी पर भारत की प्रतिबद्धता को पुष्ट करता है और दीर्घकालिक नीतिगत स्थिरता का संकेत देता है।’
महिंद्रा ऐंड महिंद्रा (एमऐंडएम) के वाहन एवं कृषि क्षेत्र के कार्यकारी निदेशक और मुख्य कार्य अधिकारी राजेश जेजुरिकर ने कहा ‘हम ईवी पर 5 प्रतिशत जीएसटी दर जारी रखने की सराहना करते हैं जो भारत के स्वच्छ मोबिलिटी के दृष्टिकोण के लिए महत्त्वपूर्ण है। इस कदम से इलेक्ट्रिक वाहनों को अपनाने की रफ्तार में और तेजी आएगी और पर्यावरण अनुकूल, हरित परिवहन में भारत का प्रभुत्व मजबूत होगा।’टाटा मोटर्स और एमऐंडएम देश की दो प्रमुख इलेक्ट्रिक कार विनिर्माता हैं।
एक इलेक्ट्रिक कार निर्माता कंपनी के वरिष्ठ अधिकारी ने बिज़नेस स्टैंडर्ड को बताया कि यह फैसला देश की सभी इलेक्ट्रिक कार कंपनियों के लिए बड़ी राहत है। लग्जरी कार कंपनियों ने भी इस निर्णय का स्वागत किया, जिन्हें अपने इलेक्ट्रिक कार पोर्टफोलियो पर अधिक कर का डर सता रहा था। वोल्वो कार इंडिया में प्रबंध निदेशक ज्योति मल्होत्रा ने कहा ‘इलेक्ट्रिक वाहन श्रेणी में मानक 5 प्रतिशत जीएसटी जारी रहना इलेक्ट्रिफिकेशन को आगे बढ़ाने तथा पर्यावरण अनुकूल मोबिलिटी प्रोत्साहित करने की सरकार की निरंतर प्रतिबद्धता बताता है।’
मर्सिडीज-बेंज इंडिया के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्य अधिकारी संतोष अय्यर ने कहा, ‘हम बीईवी पर जीएसटी दर अपरिवर्तित रखने के लिए सरकार के आभारी हैं, जिससे कार्बन मुक्त भविष्य की ओर तेजी से बढ़ना सुनिश्चित होता है।’