रविवार की प्रार्थना के लिए भारी संख्या में जुटे श्रद्धालुओं को निशाना बनाकर किए गए दोहरे आत्मघाती हमले में 120 से अधिक घायल भी हो गए । इसे पाकिस्तान के इतिहास में ईसाई समुदाय पर अब तक का सबसे विध्वंसक हमला माना जा रहा है ।
खैबर पख्तूनख्वाह के स्वास्थ्य मंत्री शौकत युसूफजई ने बताया कि इस जघन्य हमले में 70 लोग मारे गए हैं। मारे गए लोगों में कई महिलाएं और बच्चे शामिल हैं।
पेशावर के कमिश्नर साहिबजादा मुहम्मद अनीस ने बताया कि शहर के हिंसाग्रस्त कोहाटी गेट जिले में स्थित प्राचीन आल सेंटस चर्च पर उस समय दोहरा आत्मघाती विस्फोट किया गया, जब श्रद्धालु रविवार की प्रार्थना के बाद बाहर निकल रहे थे ।
अनीस ने बताया कि विस्फोट के समय गिरिजाघर के भीतर 600 ़ 700 लोग मौजूद थे । विस्फोट की तीव्रता के कारण आसपास की इमारतें भी क्षतिग्रस्त हो गयी।
तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान के धड़े जंदुल्ला ने हमले की जिम्म्ेदारी लेते हुए कहा कि उसने अमेरिकी ड्रोन हमले का बदला लेने के लिए यह आतंकी कार्रवाई की है।
इस संगठन के प्रवक्ता अहमद मारवात ने न्यूजवीक को बताया, जब तक ड्रोन हमले नहीं रोके जाते तब तक हम गैर मुस्लिमों के खिलाफ हमले जारी रखेंगे।
जंदुल्ला ने गिलगिट-बाल्टिस्तान में 10 विदेशी पर्वतारोहियों की हत्या की भी जिम्मेदारी ली थी।