सूत्रों के अनुसार इन उपायों में सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों के लिये बाह्य वाणिज्यिक उधारी :ईसीबी: में और छूट, गैर-जरूरी वस्तुओं के आयात पर प्रतिबंध तथा निर्यात को प्रोत्साहन देना शामिल हैं।
चिदंबरम ने वाणिज्य सचिव एस आर राव के साथ भी विचार-विमर्श किया।
सूत्रों के मुताबिक मंत्रालय चालू खाते के घाटे पर लगाम लगाने तथा विदेशी विनिमय बाजार में उतार-चढ़ाव रोकने के लिये जल्दी ही अतिरिक्त कदम उठाने की घोषणा कर सकता है।
इससे पहले, चिदंबरम ने कहा था कि सरकार गैर-खाद्य तथा गैर-स्वर्ण आयात खासकर गैर-जरूरी वस्तुओं के आयात में कमी लाने पर विचार कर रही है। उन्होंने विशिष्ट रूप से कोयला तथा इलेक्ट्रानिक हार्डवेयर का उदाहरण दिया और कहा कि अधिकारी आयातित उन जिंसों की सूची पर काम करेंगे जिसके आयात में कमी लाई जा सकती है।
वित्त मंत्रालय जिन नये उपायों पर विचार कर रहा है वह हाल में रिजर्व बैंक द्वारा रपये में उतार-चढ़ाव थामने के लिये उठाये गये कदमों के अलावा होगे। उल्लेखनीय है कि डालर के मुकाबले रपया छह अगस्त को कारोबार के दौरान 61.80 के निचले स्तर पर चला गया था।
चालू खाते का घाटा वित वर्ष 2012-13 में सकल घरेलू उत्पाद का 4.8 प्रतिशत रहा। विदेशों से तेल एवं सोने की खरीद से व्यापार घाटा बढ़ रहा है। चालू खाते का घाटा बढ़ने से स्थानीय मुद्रा पर असर पड़ रहा है।
भाषा