इन्फोसिस के मुख्य कार्य अधिकारी (Infosys CEO) और प्रबंध निदेशक (MD) सलिल पारेख वित्त वर्ष 2024 के दौरान 66.25 करोड़ रुपये के वार्षिक वेतन के साथ भारतीय आईटी क्षेत्र के दूसरे सबसे अधिक वेतन पाने वाले मुख्य कार्य अधिकारी बन गए हैं। कंपनी की नवीनतम वार्षिक रिपोर्ट से यह जानकारी मिली है।
पिछले वित्त वर्ष में सबसे ज्यादा वेतन पाने वाले मुख्य कार्य अधिकारी विप्रो के पूर्व प्रमुख थिएरी डेलापोर्ट थे, जिन्होंने दो करोड़ डॉलर (करीब 166 करोड़ रुपये) अर्जित किए थे।
डेलापोर्ट के उत्तराधिकारी श्रीनिवास पल्लिया को वित्त वर्ष 25 में करीब 50 करोड़ रुपये का वेतन मिलेगा। टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस) के मुख्य कार्य अधिकारी और प्रबंध निदेशक के कृत्तिवासन को वित्त वर्ष 24 के दौरान 25.36 करोड़ रुपये का वार्षिक वेतन मिला, जो बड़ी आईटी कंपनियों में सबसे कम है।
वित्त वर्ष 24 में 66.25 करोड़ रुपये के वेतन में से पारेख ने सात करोड़ रुपये बेस पे, 47 लाख रुपये रिटायरल लाभ और 7.47 करोड़ रुपये वेरिएबल पे या बोनस के रूप में प्राप्त किए। पारेख ने अपने ऐच्छिक शेयरों से 39.03 करोड़ रुपये कमाए।
शेयरधारकों को लिखे पत्र में पारेख ने कहा कि वित्त वर्ष 24 के दौरान कंपनी ने निष्पादन पर निरंतर ध्यान दिया जिससे वह विकास और परिचालन मार्जिन में मजूबती हासिल कर सकी।
पारेख ने कहा, ‘हमने 2.9 अरब डॉलर का मुक्त नकदी प्रवाह सृजित किया। हमने अपने ग्राहकों के साथ उनकी लागत, दक्षता, ऑटोमेशन और समेकन कार्यक्रमों पर मिलकर काम किया जिससे 17.7 अरब डॉलर के बड़े सौदे हुए जो हमारे सालाना सौदों में से सबसे अधिक हैं। इससे ग्राहकों के लिए हमारी सेवा पेशकशों की प्रासंगिकता पता चलती है।’
उन्होंने कहा ‘पिछले पांच वर्षों के दौरान वित्त वर्ष 2020 से 2024 तक हमने अपनी पूंजी आवंटन नीति के अनुसार अपने शेयरधारकों को 85 प्रतिशत मुक्त नकदी प्रवाह लौटाया है, जो शेयरधारकों को 2.3 अरब डॉलर का प्रतिफल है।’
सलिल पारेख ने कहा कि वित्त वर्ष 24 के दौरान इन्फोसिस ने लगभग 11,900 कॉलेज के स्नातकों की भर्ती की और वर्ष के अंत में उसके 3,17,000 से अधिक कर्मचारी थे।