डेलॉयट इंडिया की रिपोर्ट में कहा गया है कि पूरे एशिया-प्रशांत क्षेत्र में जेनरेटिव आर्टिफिशल इंटेलिजेंस (GenAI) अपनाने में भारत शीर्ष पर है।
गुरुवार को आई इस रिपोर्ट में कहा गया है कि देश के 93 फीसदी छात्र और 83 फीसदी कर्मचारी सक्रिय रूप से नई प्रौद्योगिकी से जुड़े हैं। मगर इसमें यह भी कहा गया है कि इनमें से केवल सिर्फ 50 फीसदी कर्मचारी मानते हैं कि उनके प्रबंधक जानते हैं कि वे इस तकनीक का उपयोग करते हैं।
‘जेनरेटिव एआई इन द एशिया पैसिफिक: यंग एम्प्लॉयीज लीड ऐज एम्प्लॉयर्स प्ले कैच अप’ रिपोर्ट 13 देशों के 11,900 लोगों पर किए गए सर्वेक्षण पर आधारित है। इसमें यह भी कहा गया है कि अगले पांच वर्षों में जेनएआई का रोजाना उपयोग में 182 फीसदी की भारी वृद्धि का अनुमान है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि पूरे एशिया-प्रशांत क्षेत्र में जेन एआई से 17 फीसदी कामकाजी घंटे प्रभावित हो सकते हैं, जो सालाना करीब 1.1 अरब कामकाजी घंटों के बराबर है। पूरे एशिया-प्रशांत क्षेत्र में जेनएआई का उपयोग करने वाले हर सप्ताह औसतन 6.3 घंटे बचाते हैं।
रिपोर्ट में कहा गया है, ‘भारतीय उपयोगकर्ता सप्ताह में औसतन 7.85 घंटे के साथ और भी अधिक समय बचाते हैं, जिससे उनको कौशल बढ़ाने में मदद मिलती है।’
इसके अलावा, जेन एआई का उपयोग करने वाले 86 फीसदी भारतीयों ने बताया कि इस ने उनकी उत्पादकता को बढ़ाया है। एशिया-प्रशांत में क्षेत्र के 83 फीसदी उपयोगकर्ताओं ने कहा कि तकनीक ने उनकी विचार क्षमताओं में सुधार किया है। मगर कारोबार इस प्रौद्योगिकी को पूरी तरह से लागू नहीं कर रहे हैं।
सर्वे के अनुसार करीब 75 फीसदी उपयोगकर्ताओं ने कहा कि उनका व्यवसाय जेनएआई (GenAI) को अपनाने में पीछे है।