महिला सशक्तीकरण भूमिका निभाने वाली दो सरकारी योजनाओं महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (MANREGA) और प्रधानमंत्री जनधन योजना (PMJDY) में सकारात्मक सहसंबंध है। भारतीय स्टेट बैंक की रिपोर्ट के मुताबिक जिन राज्यों में मनरेगा में महिलाओं की भागीदारी कम है, वहां महिलाएं पीएमजेडीवाई से कम लाभान्वित हैं।
अभी पीएमजेडीवाई से करीब 55 फीसदी महिलाएं लाभान्वित हैं। हालांकि मनरेगा में महिलाओं की राष्ट्रीय भागीदारी 57.4 फीसदी थी। रिपोर्ट के अनुसार ज्यादातर बड़े राज्यों में मनरेगा में महिलाओं की भागीदारी 33 फीसदी से अधिक है जबकि कुछ राज्यों में राष्ट्रीय औसत से कम है।
अन्य सरकारी आंकड़ों के अनुसार मनरेगा में महिलाओं की भागादारी वाले शीर्ष राज्यों केरल (89.82 प्रतिशत), पुदुच्चेरी (87.48 प्रतिशत), तमिलनाडु (86.41 प्रतिशत), गोवा (78.4 प्रतिशत), राजस्थान (68.17 प्रतिशत) और पंजाब (66.55 प्रतिशत) हैं। इस रिपोर्ट के मुताबिक पीएमजेडीवाई वाले शीर्ष राज्य तमिलनाडु, राजस्थान, कर्नाटक और केरल हैं।
पीएमजेडीवाई में महिलाओं की संख्या 55 प्रतिशत
यह रिपोर्ट एसबीआई के समूह प्रमुख आर्थिक सलाहकार सौम्या कांति घोष ने तैयार की है। रिपोर्ट के अनुसार, ‘पीएमजेडीवाई का ध्येय अलग-थलग पड़े वर्गों – कमजोर वर्गों और कम आय समूहों विशेषकर महिलाओं तक वित्तीय सेवाओं की पहुंच सुनिश्चित करना है। अभी पीएमजेडीवाई में महिलाओं की संख्या 55 प्रतिशत है। महिला लाभार्थियों के राज्य-वार आंकड़ा से जानकारी मिलती है कि इन दोनों योजनाओं में महिलाओं के राष्ट्रीय औसत से अधिक भागीदारी दक्षिण भारत के राज्यों की है।
एसबीआई की यह रिपोर्ट तब आई जब भारतीय रिजर्व बैंक ने अपनी नवीनतम रिपोर्ट में जानकारी दी है कि मार्च, 2023 में समाप्त हुए साल में महिला ग्राहकों के कुल जमा में 20.5 फीसदी की बढ़ोतरी हुई।
ग्रामीण क्षेत्र से जमा राशि में महिलाओं की जमा राशि भी बढ़ चुकी है। यह महामारी के बाद के दौर में बढ़ी है। यह वित्त वर्ष 19 (महामारी से पहले के वर्ष) में 25 फीसदी थी जो वित्त वर्ष 23 में बढ़कर 30 फीसदी हो गई है।