केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक व आईटी राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर (Rajeev Chandrashekhar) ने कहा कि भारत ने राजनीतिक दूरदर्शिता के अभाव में बीते कई दशकों से लोकल सेमीकंडक्टर (Semiconductor) इकोसिस्टम विकसित करने के कई अवसर खोए हैं। इससे भारत वैश्विक चिप विनिर्माण में 12 जेनरेशन पीछे हो गया है।
मंत्री ने बताया कि सरकार ने बीते 18 महीनों के दौरान सेमीकंडक्टर के विनिर्माण और असेम्बलिंग, टेस्टिंग और पैकेजिंग (एटीएमपी) के कई प्रस्तावों को आगे बढ़ाया है। इससे देश इस मह्त्त्वपूर्ण क्षेत्र में उभरती ताकत बन गई है।
उन्होंने वैश्विक सेमीकंडक्टर के दूसरे वैश्विक सम्मेलन की पूर्व संध्या पर नई दिल्ली में कहा, ‘हम आने वाले टेकएड में हासिल कर लेंगे। इसे हासिल करने के लिए हमारे कुछ पड़ोसियों ने 30 वर्ष का समय लिया, 200 अरब डॉलर का निवेश भी किया लेकिन वे इस लक्ष्य को हासिल करने में विफल रहे।’
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गांधी नगर में बुधवार को सम्मेलन का उद्घाटन करेंगे। इसमें वैश्विक निगमों के समक्ष भारत को सतत विनिर्माण गंतव्य के रूप में पेश किया जाएगा। इस शिखर सम्मेलन में वैश्विक सेमीकंडक्टर क्षेत्र के शीर्ष पदाधिकारी और इलेक्ट्रॉनिक कंपनियां हिस्सा लेंगी।
इसमें माइक्रोन टेक्नॉलजी, एएमडी, एनएक्सपी सेमीकंडक्टर्स और एप्लाइड मैटिरयल भी हिस्सा लेंगी।