विदेशी पार्टफोलियो निवेशकों (FPI) की लगातार लिवाली, आईटी शेयरों (IT Stocks) में अप्रत्याशित तेजी और ब्याज दरें चरम पर पहुंचने की उम्मीद से निवेशकों में उत्साह दिखा और देसी शेयर बाजार आज नई ऊंचाई पर पहुंच गया।
बेंचमार्क सेंसेक्स (BSE Sensex) 502 अंक चढ़कर 66,061 पर बंद हुआ। निफ्टी भी 151 अंक के लाभ के साथ 19,565 पर बंद हुआ। दोनों सूचकांक पहली बार इतनी ऊंचाई पर पहुंचे हैं।
सेंसेक्स और निफ्टी में सबसे ज्यादा चढ़ने वाले 5 शेयर आईटी कंपनियों के रहे और बेंचमार्क सूचकांकों में तेजी का पूरा श्रेय इन्हीं शेयरों को गया। निफ्टी आईटी 4.7 फीसदी बढ़त पर बंद हुआ, जो सितंबर 2022 के बाद एक दिन में आई सबसे बड़ी तेजी है।
लंबी अवधि में आईटी क्षेत्र की वृद्धि की उम्मीद बरकरार रहने से टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) 5.1 फीसदी चढ़कर बंद हुआ और इन्फोसिस में 4.4 फीसदी की तेजी आई।
विश्लेषकों ने कहा कि कृत्रिम मेधा जैसी नई तकनीक की वजह से आईटी क्षेत्र के लिए मध्यम से दीर्घावधि में अनुमान बेहतर हुआ है। इससे कंपनियों को आय का अतिरिक्त स्रोत भी मिलेगा।
एफपीआई ने 2,636 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे
एफपीआई आज शुद्ध लिवाल रहे। उन्होंने 2,636 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे और देसी संस्थागत निवेशकों ने करीब 800 करोड़ रुपये के शेयर बेच दिए। इस साल अभी तक एफपीआई ने 1.2 लाख करोड़ रुपये की लिवाली की है।
मुद्रास्फीति पर केंद्रीय बैंकों के अंकुश की उम्मीद से अधिकतर वैश्विक बाजारों में भी इस हफ्ते अच्छी तेजी दर्ज की गई। निवेशकों को उम्मीद है कि अमेरिका में मुद्रास्फीति में नरमी आ रही है और मंदी से भी बचा जा सकता है। बुधवार को जारी अमेरिकी आंकड़ों से पता चला है कि मुद्रास्फीति दो साल के निचले स्तर पर आ गई है।
अवेंडस कैपिटल अल्टरनेट स्ट्रैटजीज के मुख्य कार्याधिकारी एंड्रयू हॉलैंड ने कहा, ‘कुछ हफ्ते पहले तक अमेरिका में ऊंची मुद्रास्फीति के कारण दरों में और बढ़ोतरी की बात कही जा रही थी। लेकिन अब मुद्रास्फीति में उम्मीद से ज्यादा कमी आई है और वेतन वृद्धि भी कम रही। डॉलर सूचकांक 100 से नीचे आ गया है। इससे उम्मीद जगी है कि फेडरल रिजर्व जुलाई के बाद दरों में इजाफा नहीं करेगा। निवेशक वृद्धि पर दांव लगा रहे हैं, जो एशियाई बाजारों में दिख रही है।’
मार्च के निचले स्तर से सेंसेक्स और निफ्टी करीब 15-15 फीसदी का उछाल
कुछ विशेषज्ञों ने कहा कि अगर अमेरिका में मुद्रास्फीति लक्षित दायरे में आ जाती है तो भारत में भी संभवत: दर में आगे और बढ़ोतरी नहीं होगी। मगर अमेरिका के केंद्रीय बैंकर सतर्कता बरत रहे हैं और दर में एक से ज्यादा बढ़ोतरी की जरूरत बता रहे हैं।
देश में इस साल मार्च के निचले स्तर से सेंसेक्स और निफ्टी करीब 15-15 फीसदी चढ़ चुके हैं। इससे उनका मूल्यांकन भी दीर्घावधि के औसत से ज्यादा हो गया है।
निवेशक आशान्वित हैं कि कंपनियों की आय में मजबूत वृद्धि आगे भी जारी रहेगी, जिससे ज्यादा मूल्यांकन के बावजूद बाजार में तेजी बनी रह सकती है। विदेशी निवेशकों की लिवाली का इसमें अहम योगदान होगा।
अल्फानीति फिनटेक के सह-संस्थापक यूआर भट्ट ने कहा, ‘तेजी के बाद बाजार गिरावट का इंतजार कर रहा है। एक या दो दिन एफपीआई की लिवाली घटने से बाजार में गिरावट आ सकती है।’