सर्वोच्च न्यायालय ने सोमवार को स्पाइसजेट (SpiceJet) के चेयरमैन व प्रबंध निदेशक अजय सिंह को अवमानना नोटिस जारी किया क्योंकि वह स्विस फर्म क्रेडिट सुइस के साथ 2.4 करोड़ डॉलर के विवाद पर बकाया भुगतान के अदालती आदेश का अनुपालन करने में नाकाम रहे। अजय सिंह को चार हफ्ते के भीतर नोटिस का जवाब देने को कहा गया है।
सर्वोच्च न्यायालय ने क्रेडिट सुइस को भुगतान के मामले में विमानन कंपनी को अतिरिक्त समय दिया था, जो दोनों पक्षकारों के बीच अदालत में निपटान को लेकर सहमति का हिस्सा था।
स्पाइसजेट के प्रवक्ता ने कहा, पिछले साल स्पाइसजेट और क्रेडिट सुइस 2.4 करोड़ डॉलर को लेकर निपटान पर सहमत हुए थे। यह कर्ज पुराना है और मौजूदा प्रवर्तक के कंपनी में शामिल होने से पहले का है। निपटान की रकम का भुगतान के लिए आरबीआई की मंजूरी जरूरी थी।
स्पाइसजेट तय समयसारणी के हिसाब से कुछ महीने तक भुगतान शुरू नहीं कर पाई जब आरबीआई की मंजूरी मिली। अभी तक स्पाइसजेट ने क्रेडिट सुइस को कुल 71 लाख डॉलर का भुगतान किया है। बाकी 44 लाख डॉलर का भुगतान उस अवधि का है जब आरबीआई की मंजूरी की प्रतीक्षा की जा रही थी। कंपनी का इरादा बाकी रकम चुकाने का है।
क्रेडिट सुइस की तरफ से पेश वरिष्ठ वकील निरंजन रेड्डी ने पिछली सुनवाई में अदालत से कहा था कि जब उन्होंने अवमानना याचिका दाखिल की तब बकाया रकम 39 लाख डॉलर थी, हालांकि अब यह बढ़कर 40 लाख डॉलर हो चुकी है क्योंकि स्पाइसजेट ने किस्त का भुगतान नहीं किया।
स्पाइसजेट के सीएमडी के वकील श्याम दीवान ने अदालत से कहा था कि वह हर महीने की 15 तारीख को 5 लाख डॉलर का भुगतान जारी रखेंगे।
दीवान ने अदालत को सूचित किया था कि स्पाइसजेट ने अब तक क्रेडिट सुइस को काफी भुगतान कर दिया है। उन्होंने अदालत को यह भी बताया कि वह अपने क्लाइंट से बात करेंगे कि क्या मासिक किस्त 5 लाख रुपये से ज्यादा बढ़ाई जा सकती है।
साल 2011 में विमानन कंपनी ने स्विस मेंटिनेंस फर्म एसआरटी टेक्निक्स के साथ विमानों की सर्विसिंग के लिए 10 साल का अनुबंध किया था। साल 2012 में एसआरटी ने इस रखरखाव के लिए भुगतान लेने का अधिकार क्रेडिट सुइस को सौंप दिया था।