facebookmetapixel
सोना कॉमस्टार ने दुर्लभ खनिज मैग्नेट की गुणवत्ता पर जताई चिंताअदाणी डिफेंस ऐंड एयरोस्पेस ने किया एमटीएआर टेक्नॉलजीज संग करारMSME पर ट्रंप टैरिफ का असर: वित्त मंत्रालय बैंकों के साथ करेगा समीक्षा, लोन की जरूरतों का भी होगा आकलनवैश्विक बोर्डरूम की नजर भारत पर, ऊंची हैं उम्मीदें : डीएचएल एक्सप्रेसTesla और VinFast की धीमी शुरुआत, सितंबर में इलेक्ट्रिक कारों की बिक्री में हिस्सेदारी 1% से भी कमकंपनियां दीवाली पर कर्मचारियों और ग्राहकों को स्वादिष्ट और उपयोगी उपहार देने में दिखा रहीं बढ़त!किर्लोस्कर का औद्योगिक सुधार पर दांव, अरबों डॉलर की राजस्व वृद्धि पर नजरLokah Chapter 1: Chandra ने ₹30 करोड़ बजट में ₹300 करोड़ की कमाई की, दुनिया भर में रिकॉर्ड तोड़ाH-1B वीजा पर निर्भर नहीं है TCS, AI और डेटा सेंटर पर फोकस: के कृत्तिवासनदूसरी तिमाही के दौरान प्रमुख सीमेंट कंपनियों की आय में मजबूती का अनुमान

अमेरिकी बॉन्ड संग Sensex का रिटर्न अंतर शून्य के करीब

बुधवार की तेज गिरावट के बाद बेंचमार्क सेंसेक्स अब 67,572 के अपने रिकॉर्ड उच्च स्तर से 2.6 प्रतिशत नीचे है।

Last Updated- August 03, 2023 | 10:29 PM IST

भारतीय इक्विटी बाजार 20 जुलाई को सर्वकालिक शीर्ष स्तर तक पहुंचने के बाद पिछले कुछ सप्ताह से गिरावट में चल रहा है। बीएसई सेंसेक्स पिछले नौ कारोबारी सत्रों में से सात में गिरावट के साथ बंद हुआ है और बुधवार की तेज गिरावट के बाद बेंचमार्क सूचकांक अब 67,572 के अपने रिकॉर्ड उच्च स्तर से 2.6 प्रतिशत नीचे है।

शेयर बाजार में शेयर की कीमतों को कम करने वाले कारकों में से एक है भारतीय इक्विटी पर प्रतिफल और 10 वर्षीय अमेरिकी सरकारी बॉन्ड पर प्रतिफल के बीच घटता अंतर।

वर्तमान अंतर 187 महीने में सबसे कम

सेंसेक्स का कमाई प्रतिफल और 10 वर्षीय अमेरिकी सरकारी बॉन्ड के प्रतिफल के बीच का अंतर अब लगभग शून्य है, जो दिसंबर 2022 के अंत में 0.34 प्रतिशत और पिछले साल जुलाई में 1.74 प्रतिशत था। वर्तमान अंतर 187 महीने में सबसे कम है। ऐतिहासिक रूप से कमाई प्रतिफल और अमेरिकी बेंचमार्क ट्रेजरी बॉन्ड के प्रतिफल के बीच का अंतर ज्यादातर सकारात्मक दायरे में रहा है।

वर्ष 2008 में शेयर की कीमतों में बड़ी गिरावट से पहले शून्य या ऋणात्मक अंतर पिछली दफा कैलेंडर वर्ष 2007 की आखिरी तिमाही और 2008 की शुरुआत में देखा गया था।

बुधवार को सेंसेक्स का कमाई प्रतिफल 4.01 प्रतिशत था, जो 10 वर्षीय अमेरिकी सरकारी बॉन्ड पर प्रतिफल (भारतीय समयानुसार रात 8.30 बजे तक 4.12 प्रतिशत) के समान था। यह विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों को जोखिम मुक्त अमेरिकी ट्रेजरी बॉन्ड के बजाय भारतीय इक्विटी में पैसा लगाने के लिए बहुत कम या कोई वित्तीय प्रोत्साहन प्रदान नहीं करता है।

शेयरों की कमाई का प्रतिफल प्राइस-टु-अर्निंग मल्टिपल के विपरीत होता है और अगर कंपनी अपने वार्षिक लाभ का 100 प्रतिशत इक्विटी लाभांश के रूप में वितरण करती है तो किसी निवेशक के लिए काल्पनिक लाभांश का प्रतिफल होता है।

First Published - August 3, 2023 | 10:29 PM IST

संबंधित पोस्ट