उद्योग संवर्धन और आंतरिक व्यापार विभाग (डीपीआईआईटी) के सचिव राजेश कुमार सिंह ने गुरुवार को कहा कि सरकार ई-कॉमर्स नीति और ई-कॉमर्स में ग्राहकों के संरक्षण को लेकर नियम तैयार करने के आखिरी चरण में है। उन्होंने कहा कि इसमें ओपन नेटवर्क फॉर डिजिटल कॉमर्स (ONDC) के प्रावधानों को भी शामिल किया जाएगा।
सिंह ने संवाददाताओं से कहा, ‘ई-कॉमर्स नीति और ई-कॉमर्स नियम दोनों एक दूसरे से जुड़े होंगे। ऐसा विचार है। यह कवायद अब अग्रिम अवस्था में है।’
सरकार समर्थित ओएनडीसी से प्रतिस्पर्धा को लेकर फूड एग्रीगेटरों जोमैटो और स्विगी पर पड़ने वाले दबाव के डर के बारे में सिंह ने कहा कि सरकार किसी को कारोबार से बाहर नहीं करना चाहती है और चाहती है कि सभी ई-कॉमर्स कारोबारी नेटवर्क का हिस्सा बनें।
उन्होंने आगे कहा कि सरकार समर्थित ओएनडीसी के पीछे विचार यह था कि विभिन्न कारोबारियों, खासकर छोटे कारोबारों के लिए कारोबारियों के लिए समान कारोबार का मंच मिल सके, जो संभवतः ई-कॉमर्स पोर्टलों तक सीधे नहीं पहुंच पाते हैं।
उन्होंने कहा, ‘बढ़ी प्रतिस्पर्धा के कारण ग्राहकों को भी लाभ होता है। लेकिन यह तात्कालिक उद्देश्य नहीं है। यह कुछ ऐसा नहीं है कि किसी को कारोबार से बाहर करने की कवायद हो रही हो या हम किसी खास पोर्टल या ई-कॉमर्स सेवा प्रदाता के प्रतिस्पर्धी हैं। हम चाहते हैं कि सभी ई-कॉमर्स कारोबारी इस नेटवर्क का हिस्सा बनें। ‘
तेजी से बढ़ रहा ओएनडीसी
एक आधिकारिक बयान में ओएनडीसी ने कहा कि उसका रोजाना का लेन-देन 500 गुना बढ़ा है और खुदरा कारोबारियों की संख्या इस साल की शुरुआत से अब तक 40 गुना बढ़ गई है।
ओएनडीसी ने कहा कि जनवरी से तेज बढ़ोतरी हो रही है। नेटवर्क पर खुदरा कारोबारियों की संख्या 800 से बढ़कर बढ़कर 35,000 करोड़ से ज्यादा हो गई है। इसी अवधि के दौरान कुल ऑर्डर की मात्रा 50 ऑर्डर प्रतिदिन से बढ़कर पिछले सप्ताह 25,000 ऑर्डर से अधिक हो गई है।
ओएनडीसी ने अपने भौगोलिक क्षेत्र का भी विस्तार किया है और 85 शहरों में शुरुआत के बाद अब 230 शहरों तक पहुंच चुकी है।
मोबिलिटी के क्षेत्र में भी सरकार समर्थित नेटवर्क ने उल्लेखनीय प्रगति की है। इसने अप्रैल में बेंगलूरु के ऑटो बुकिंग ऐप नम्मा यात्रा से समझौता किया था, जिससे स्थानीय ऑटो चालकों को मदद मिल सके। यह ऐप ओला और उबर जैसे दिग्गजों से प्रतिस्पर्धा कर रहा है।