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साल 2023 के दौरान विलय और अधिग्रहण के सौदे 63 प्रतिशत घटे

साल 2022 में विलय और अधिग्रहण के सौदों में बढ़ोतरी का मुख्य कारण एचडीएफसी और एचडीएफसी बैंक के बीच हुआ विलय था।

Published by
देव चटर्जी   
Last Updated- December 17, 2023 | 9:45 PM IST

विलय-अधिग्रहण निवेश बैंकरों को कम बोनस के चेक मिल रहे हैं क्योंकि ऐसे सौदों का मूल्य 63 फीसदी घटकर 70.9 अरब डॉलर रह गया, जबकि साल 2022 में भारतीय कंपनी जगत ने 192 अरब डॉलर के सौदों पर हस्ताक्षर किए थे। साल 2022 में विलय और अधिग्रहण के सौदों में बढ़ोतरी का मुख्य कारण एचडीएफसी और एचडीएफसी बैंक के बीच हुआ विलय था।

ब्लूमबर्ग के आंकड़ों के मुताबिक, साल 2018 के बाद विलय-अधिग्रहण सौदे 100 अरब डॉलर को पार कर गए क्योंकि भारतीय कंपनियों, प्राइवेट इक्विटी कंपनियों ने कोरोना महामारी के बावजद भारत में कंपनियों का अधिग्रहण किया या उसकी बिक्री की। लेकिन शेयर बाजारों में रिकॉर्ड बढ़ोतरी के बावजूद साल 2023 में इसमें खासी गिरावट दर्ज हुई।

ध्रुव एडवाइजर्स के पार्टनर मेहुल भीडा ने कहा, विलय-अधिग्रहण की गतिविधियों में नरमी की वजह संभवत: स्टार्टअप के लिए फंडिंग में सुस्ती है। उन्होंने कहा, सूचीबद्ध कंपनियों की बात करें तो बाजारों में खासी बढ़ोतरी हुई है और इस वजह से मूल्यांकन के अनुमान में बेमेल देखने को मिला है।

इसके अलावा 2024 में होने वाले आम चुनाव को लेकर देखो व इंतजार करो का मामला भी है, जिस पर हालांकि राज्य चुनावों में भाजपा को मिली जीत से कुछ स्पष्टता मिल गई है और यह मई 2024 में होने वाले चुनाव में ऐसे ही जनादेश की संभावना जता रहा है।

इससे नीतिगत स्थिरता और निरंतरता कायम रहने की उम्मीद है। साल 2022 में अंबुजा सीमेंट्स का अधिग्रहण 6.5 अरब डॉलर में करने वाले अदाणी समूह ने इस साल छोटा अधिग्रहण किया क्योंकि उसने अमेरिकी शॉर्ट सेलर की अप्रमाणित रिपोर्ट का सामना किया। समूह ने हालांकि सांघी सीमेंट और हायफा पोर्ट (इजरायल) का अधिग्रहण 1.2 अरब डॉलर में किया।

अन्य दिग्गज आदित्य बिड़ला समूह की अल्ट्राटेक ने शेयर सौदे के जरिये केसोराम इंडस्ट्रीज की खरीद 5,379 करोड़ रुपये में करने की घोषणा की। कनाडा पेंशन प्लान इन्वेस्टमेंट की तरफ से रीन्यू पावर की हिस्सेदारी 4 अरब डॉलर में अधिग्रहण करना इस साल का सबसे बड़ा सौदा रहा।

बैंकरों ने कहा कि साल 2024 में भारत में विलय-अधिग्रहण का परिदृश्य (खास तौर से आम चुनाव के बाद 2024 की दूसरी छमाही में) अपेक्षाकृत बेहतर नजर आ रहा है।

अमेरिका की प्राइवेट इक्विटी एपेक्स पार्टनर्स के प्रबंध निदेशक व प्रमुख (भारत) अनुराग सूद ने कहा, दुनिया की सबसे तेज गति से वृद्धि दर्ज करने वाली अर्थव्यवस्थाओं में से एक भारत लगातार प्राइवेट इक्विटी फर्मों के लिए अगले साल अधिग्रहण की खातिर आकर्षक निवेश के मौके की पेशकश जारी रखे हुए है।

सूद ने कहा, भारत पर किसी तरह का दांव उसके तेजी से बढ़ रहे डिजिटलीकरण के ट्रेंड पर दांव है। कंपनियां प्रीमियम उत्पादों और कम प्रसार पर बड़ा दांव लगा रही हैं, जो उनकी वृद्धि के अगले दौर को मजबूती देगा। लंबी अवधि के आर्थिक संकेतक मसलन जीडीपी की वृद्धि और बढ़ती प्रति व्यक्ति आय से स्वविवेक वाला खर्च ज्यादा होगा और यह देश में कंपनियों की वृद्धि में और मजबूती लाएगा।

कुल मिलाकर हमारा मानना है कि तकनीकी सेवाएं/सॉफ्टवेयर, हेल्थकेयर और डिजिटल समर्थित वैश्विक उपभोक्ता ब्रांड भारत में आने वाले वर्षों में काफी बेहतर करेगा।

दुनिया के बाकी हिस्सों में भी ऐसा ही ट्रेंड देखा गया। प्राइवेट इक्विटी और वेंचर फाइनैंसिंग ने विलय अधिग्रहण के कुल 48,953 सौदों की घोषणा जनवरी-नवंबर 2023 के दौरान वैश्विक स्तर पर की, जो इससे एक साल पहले के 64,902 सौदे के मुकाबले सालाना आधार पर 23.6 फीसदी की गिरावट दर्शाता है। अग्रणी डेटा व एनालिटिक्स कंपनी ग्लोबलडेटा से यह जानकारी मिली।

First Published : December 17, 2023 | 9:41 PM IST