दिवालिया हो चुकी जेट एयरवेज (Jet Airways) की सफल बोलीदाता जालान-कालरॉक कंसोर्टियम (जेकेसी) ने एयरलाइन के ऋणदाताओं को 350 करोड़ रुपये चुकाने के लिए शुक्रवार को राष्ट्रीय कंपनी विधि अपील पंचाट (एनसीएलएटी) से अतिरिक्त समय मांगा।
भुगतान के लिए तारीख शुरू में 31 अगस्त थी, लेकिन अब जेकेसी ने इसे आगे बढ़ाए जाने की मांग की है। अपील पंचाट ने जेकेसी को भुगतान में संशोधन वाला आवेदन करने को कहा है।
जेकेसी के समक्ष पेश हुए वरिष्ठ
अधिवक्ता रविशंकर प्रसाद ने कहा कि कंसोर्टियम 21 अगस्त तक 100 करोड़ रुपये जमा कराएगा और अन्य 100 करोड़ रुपये सितंबर के अंत तक जमा कराए जाएंगे और 150 करोड़ रुपये की बैंक गारंटी पहले ही दी जा चुकी है, जिसका इस्तेमाल ऋणदाताओं द्वारा किया जा सकेगा।
जेकेसी ने पंचाट को यह भी बताया है कि वह एयरलाइन का परिचालन बहाल किए जाने के लिए प्रतिबद्ध है। दूसरी तरफ, ऋणदाताओं (जिनमें एसबीआई भी शामिल है) की ओर से पेश हुए अतिरिक्त महाधिवक्ता एन वेंकटरामन का तर्क है कि 350 करोड़ रुपये का भुगतान बकाया अदायगी की दिशा में पहला कदम है।
उन्होंने कहा कि पहले भुगतान के बाद ऋणदाताओं को तीन अन्य भुगतान भी किए जाएंगे। आखिरी कदम इक्विटी शेयरों का स्थानांतरण है।
जेकेसी के तर्क से असहमति जताते हुए वेंकटरामन ने कहा कि 150 करोड़ रुपये की बैंक गारंटी को उनके लिए 350 करोड़ रुपये के भुगतान का हिस्से नहीं बताया जा सकता, क्योंकि इसे समाधान योजना के किसी अन्य हिस्से के लिए इस्तेमाल किया गया। एनसीएलएटी ने 26 मई को जेकेसी को ऋणदाताओं का पैसा चुकाने के लिए 107 दिन का समय दिया था।
आदेश में कहा गया था, ‘एसआरए (सफल बोलीदाता यानी जेकेसी) 175 करोड़ रुपये के पहले भुगतान को तैयार और इच्छुक है और एसआरए 30 दिनों के अंदर 50 करोड़ रुपये लगाएगा।’
पंचाट ने कहा कि मौजूदा समय में (107 दिन, 30 अगस्त तक) 150 करोड़ रुपये की बैंक गारंटी भारतीय स्टेट बैंक द्वारा जब्त नहीं की जानी चाहिए।