जेफरीज ने खरीद की रेटिंग के साथ बीएसई की कवरेज शुरू की है और लक्षित कीमत 2,700 रुपये बताई है, जो मौजूदा स्तर से 24 फीसदी की बढ़ोतरी दर्शाता है। शुक्रवार को बीएसई का शेयर 2,180 रुपये पर बंद हुआ, जो पिछले छह महीने में 4 गुना उछल चुका है।
2,700 रुपये के भाव पर देश के एकमात्र सूचीबद्ध एक्सचेंज का मूल्यांकन सितंबर 2025 की उसकी अनुमानित आय के 35 गुने पर होगा। बीएसई की डेरिवेटिव सेगमेंट में कामयाबी उसकी आय की रफ्तार को मजबूत बना सकती है। एक्सचेंज को डिजिटाइजेशन ऑफ इंडियन कैपिटल मार्कट्स के इर्दगिर्द वाली थीम का लाभार्थी माना जा रहा है।
जेफरीज के इक्विटी विश्लेषकों जयंत खरोटे और प्रखर शर्मा ने एक नोट में कहा, भारतीय एक्सचेंजों को बचत के वित्तीय रूप में आने, बढ़ती इक्विटी भागीदारी, इक्विटी में वृद्धि, उत्पाद नवोन्मेष और पूंजी बाजार के अन्य प्लेटफॉर्म के मुकाबले स्थिर आय का फायदा मिल रहा है।
बीएसई अन्य बातों के अलावा डेरिवेटिव सेगमेंट में मजबूती से वित्त वर्ष 24 में अपनी आय में 150 फीसदी की उछाल दर्ज कर सकता है और वित्त वर्ष 24-26 में इसे दोगुनी कर सकता है।
मई 2023 तक बीएसई की डेरिवेटिव सेगमेंट में बाजार हिस्सेदारी करीब-करीब शून्य थी। हालांकि सेंसेक्स और बैंकेक्स डेरिवेटिव अनुबंधों को दोबारा पेश किए जाने के बाद से एक्सचेंज को करीब 10 फीसदी बाजार हिस्सेदारी पाने और बड़ी प्रतिस्पर्धी एनएसई के एकाधिकार को चुनौती देने में मदद मिली है।
जेफरीज ने नोट में कहा है, डेरिवेटिव अब एक्सचेंजों के लिए राजस्व का सबसे बड़ा स्रोत है और मार्केट लीडर एनएसई के मामले में यह करीब 65 फीसदी है।