Core sector growth in August: देश के 8 प्रमुख बुनियादी ढांचा क्षेत्रों, जिन्हें प्रमुख क्षेत्र के नाम से जाना जाता है, का उत्पादन अगस्त में बढ़कर 14 महीने के उच्च स्तर 12.1 प्रतिशत पर पहुंच गया है। यह जुलाई में 8.4 प्रतिशत था। कम आधार और इस माह के दौरान 8 में से 5 क्षेत्र में वृद्धि के कारण ऐसा हुआ है।
पिछले साल अगस्त में प्रमुख क्षेत्र की वृद्धि 4.2 प्रतिशत थी। जुलाई 2023 के आंकड़ों में थोड़ा बदलाव हुआ है और पहले के 8 प्रतिशत अनुमान की तुलना में इसे बढ़ाकर 8.3 प्रतिशत कर दिया गया है।
शुक्रवार को वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक उर्वरक (1.8 प्रतिशत), स्टील (10.9 प्रतिशत) पहले के महीने की तुलना में सुस्त रहे हैं। वहीं कोयला (17.3 प्रतिशत), प्राकृतिक गैस (10 प्रतिशत), रिफाइनरी उत्पाद (9.5 प्रतिशत), सीमेंट (18.9 प्रतिशत) और बिजली (14.8 प्रतिशत) में अगस्त में तेजी आई है।
कच्चे तेल का उत्पादन पहले के महीने की दर (2.1 प्रतिशत) से ही बढ़ा है।
इक्रा में मुख्य अर्थशास्त्री अदिति नायर ने कहा कि मॉनसून में सुस्ती से अगस्त महीने में प्रमुख क्षेत्र में मजबूत वृद्धि को बल मिला है। हर क्षेत्र में जहां व्यापक तौर पर वृद्धि हुई है और सभी क्षेत्रों में पिछले साल की तुलना में लगातार दूसरे महीने तेजी आई है।
इंडिया रेटिंग्स में मुख्य अर्थशास्त्री सुनील कुमार सिन्हा ने भी इसी तरह का विचार व्यक्त करते हुए कहा कि जब महामारी के पहले के स्तर (फरवरी 2020) से तुलना करते हैं तो प्रमुख क्षेत्र की वृद्धि मासिक आधार पर वृद्धि दर 17 प्रतिशत है। मौसमी रूप से समायोजित प्रमुख क्षेत्र की वृद्धि दर अगस्त 2023 में 2.7 प्रतिशत रही है। यह दिसंबर 2022 के बाद से क्रमिक आधार पर सबसे तेज वृद्धि है।
सिन्हा ने कहा, ‘सीमेंट व बिजली क्षेत्र में ठोस वृद्धि से भी अगस्त 2023 के सूखे मौसम में समर्थन मिला है। इन क्षेत्रों का उत्पादन मॉनसून की बारिश से प्रभावित होता है क्योंकि निर्माण की गतिविधियां ठहर जाती हैं और बिजली की मांग भी कम हो जाती है। सीमेंट और स्टील क्षेत्र में तेजी को सरकार के पूंजीगत व्यय से समर्थन मिला है। आंकड़ों से संकेत मिलते हैं कि बुनियादी ढांचा क्षेत्र में रिकवरी से अर्थव्यवस्था को व्यापक तौर पर समर्थन मिल रहा है।’
औद्योगिक उत्पादन सूचकांक में 8 प्रमुख उद्योगों की हिस्सेदारी 40.27 प्रतिशत होती है और इस तरह से सूचकांक पर इनका व्यापक असर होता है। नायर को उम्मीद है कि आईआईपी वृद्धि अगस्त में 9 से 11 प्रतिशत के बीच बनी रहेगी क्योंकि अन्य सूचकांकों का प्रदर्शन बेहतर रहा है।