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ITR रिटर्न अभी तक दाखिल न किया तो 31 दिसंबर तक ही वक्त बचा

जो लोग किसी वजह से रिटर्न नहीं भर सके, उनके लिए अभी एक मौका बाकी है। आयकर अधिनियम में विलंब से यानी बिलेटेड रिटर्न भरने का मौका दिया जाता है।

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बिंदिशा सारंग   
Last Updated- August 20, 2023 | 11:44 PM IST

देर से रिटर्न दाखिल करने पर आपको विलंब शुल्क और ब्याज भरना पड़ेगा तथा कारोबारी या पूंजीगत घाटा अगले साल कैरी फॉरवर्ड भी नहीं कर पाएंगे

आयकर रिटर्न दाखिल करने की आखिरी तारीख आम तौर पर 31 जुलाई होती है और कर निर्धारण वर्ष 2023-24 के लिए रिटर्न भरने की आखिरी तारीख भी इस 31 जुलाई को खत्म हो गई। मगर जो लोग किसी वजह से रिटर्न नहीं भर सके, उनके लिए अभी एक मौका बाकी है। आयकर अधिनियम में विलंब से यानी बिलेटेड रिटर्न भरने का मौका दिया जाता है।

सीएनके में पार्टनर पल्लव प्रद्युम्न नारंग बताते हैं, ‘जिस करदाता को आयकर अधिनियम 1061 की धारा 139 के तहत रिटर्न दाखिल करना जरूरी है, वह अगर चूक जाता है तो 31 दिसंबर, 2023 तक बिलेटेड रिटर्न दाखिल कर सकता है।’

झंझट से बचेंगे

बिलेटेड रिटर्न दाखिल करने से आप कर नियमों का पालन करने वाले माने जाते हैं और कानूनी झंझटों से बच जाते हैं। आयकर रिटर्न असल में सरकार के सामने करदाता की आय और आय के स्रोतों का सबूत होता है, जिसके जरिये वह वैध करदाता साबित होता है।

उच्चतम न्यायालय के वकील संदीप बजाज समझाते हैं, ‘भारत में किसी भी व्यक्ति की नागरिकता और कारोबार उसके द्वारा दिए गए कर और दाखिल किए गए आयकर रिटर्न पर निर्भर करती है। इससे उन्हें देश में अपनी नागरिकता या कारोबार जारी रखने में मदद मिलती है।’

करंजावाला ऐंड कंपनी एडवोकेट्स में प्रिंसिपल एसोसिएट अंकित राजगढ़िया का कहना है कि यदि आपका अधिक कर कट गया है, आप रिफंड चाहते हैं मगर पहली मियाद तक रिटर्न नहीं भर पाए हैं तो भी आप देर से रिटर्न भर कर रिफंड का दावा कर सकते हैं।

वित्तीय खमियाजा

देर से रिटर्न भरकर आप मुसीबत से बच सकते हैं मगर इसकी कीमत तो चुकानी ही पड़ती है। वेद जैन ऐंड एसोसिएट्स में पार्टनर अंकित जैन समझाते हैं, ‘यदि आय बुनियादी छूट सीमा से ज्यादा है और रिटर्न तय तारीख के बाद मगर 31 दिसंबर, 2023 को या उससे पहले दाखिल किया गया है तो 5,000 रुपये विलंब शुल्क भरना पड़ता है। मगर आय 5 लाख रुपये से अधिक नहीं है तो विलंब शुल्क 1,000 रुपये से अधिक नहीं होता।’

पीएसएल एडवोकेट्स ऐंड सॉलिसटर्स में पार्टनर शोएब कुरैशी आगाह करते हैं कि देर से रिटर्न दाखिल करने पर करदाता को धारा 234ए के तहत ब्याज भी देना पड़ता है। धारा 234ए के तहत बकाया कर पर हर महीने 1 फीसदी की दर से ब्याज लगाया जाता है।

नारंग कहते हैं कि धारा 234ए के तहत ब्याज के अलावा धारा 234बी के तहत भी ब्याज लग सकता है। इससे करदाता की कुल कर देनदारी बढ़ जाती है। धारा 234बी कर के अग्रिम भुगतान में देर या अधूरे भुगतान पर लागू होती है। एक दिक्कत यह भी है कि जो देर से रिटर्न भरते हैं, उन्हें चैप्टर 6-ए के भाग सी के तहत कटौती का फायदा नहीं मिलता। नुकसान को कैरी फॉरवर्ड करने का मौका भी ऐसे करदाता से छीन लिया जाता है। आईपी पसरीचा ऐंड कंपनी में पार्टनर मनीत पाल सिंह बताते हैं, ‘करदाता आवासीय संपत्ति यानी मकान से होने वाले नुकसान को कैरी फॉरवर्ड कर सकता है मगर कारोबारी और पूंजीगत नुकसान को आगे ले जाने की इजाजत नहीं मिलती।’

इंतजार न करें

बिलेटेड रिटर्न फौरन दाखिल करें और उसे भी आखिरी दिन यानी 31 दिसंबर, 2023 तक के लिए न टालें। ध्यान रहे कि देर से रिटर्न दाखिल करते समय दी गई हरेक जानकारी पूरी तरह सही हो ताकि बाद में कोई दिक्कत नहीं आए।

राजगढ़िया समझाते हैं, ‘रिटर्न में दी गई जानकारी के सभी कागजी सबूत तैयार रखें क्योंकि कर विभाग उनका सत्यापन कर सकता है।’ यदि आप पर कर बनता है तो बिलेटेड रिटर्न दाखिल करने से पहले ब्याज समेत उसे चुका दें।

बिलेटेड रिटर्न दाखिल करने के बाद आपको ऐसा लगता है कि उसमें कोई चूक हो गई है तो आप उसे दुरुस्त कर सकते हैं। आप आखिरी दिन यानी 31 दिसंबर, 2023 की आधी रात तक अपना रिटर्न ऑनलाइन संशोधित कर सकते हैं। अपने रिटर्न को दाखिल करने के 30 दिन के भीतर आप वेरिफाई कर सकते हैं।

सिंह की सलाह है कि देर से रिटर्न दाखिल करते समय पेशेवर की सलाह लेनी चाहिए। वह कहते हैं, ‘नुकसान और टीडीएस, टीसीएस तथा अग्रिम भुगतान की वापसी का दावा करते समय बहुत सावधानी बरतें।’

आयकर विभाग ग्राहकों की सहायता के लिए को-ब्राउजिंग फैसिलिटी नाम की सुविधा देता है। इसमें कर एजेंट रिटर्न दाखिल करने में करदाता की सहायता करते हैं। बजाज कहते हैं, ‘को-ब्राउजिंग फैसिलिटी में एजेंट चैट के जरिये करदाता से बात करता है। जिन्हें रिटर्न दाखिल करने में किसी माहिर की मदद चाहिए, वे यह सुविधा ले सकते हैं।’

यदि कानूनन आपको आयकर रिटर्न दाखिल करने की जरूरत नहीं है और आप 31 जुलाई चूक गए हैं तो आप बिना चिंता देर से रिटर्न दाखिल कर सकते हैं। कुरैशी कहते हैं, ‘अगर आपकी आय इतनी ही है कि धारा 139(1) के तहत रिटर्न दाखिल करना आपके लिए अनिवार्य नहीं है तो कर निर्धारण यानी असेसमेंट वर्ष खत्म होने के बाद रिटर्न दाखिल करने पर भी आपको कोई जुर्माना नहीं देना पड़ेगा।’

 

First Published : August 20, 2023 | 11:44 PM IST