राष्ट्रीय कंपनी विधिक पंचाट (NCLT) ने सोमवार को विमानन कंपनी गो फर्स्ट (Go First Flights) के बकायेदारों की समिति (सीओसी) से पूछा है कि क्या उन्होंने 3 मई को दिवालिया हो चुकी विमानन कंपनी के बंद होने के बाद से यात्रियों को पहले से कटाई गई टिकटों की रकम वापस करने की मंजूरी दी है।
समाधान पेशेवरों (आरपी) के अनुसार, गो फर्स्ट को 15.5 लाख यात्रियों को 597.54 करोड़ रुपये वापस करने हैं। इनमें 7 जून तक की पहले से कटाई गई टिकटें भी शामिल हैं। 15,25,862 यात्रियों ने ट्रैवल एजेंट के जरिये 582.77 करोड़ रुपये की टिकटें कटवाई थीं और 23,711 यात्रियों ने 14.77 करोड़ रुपये की टिकटें कंपनी की वेबसाइट से काटी थीं।
सीओसी ऋणदाताओं की एक ऐसी समिति है जो दिवाला प्रक्रिया में सभी हितधारकों के हितों का प्रतिनिधित्व करती है। एनसीएलटी ने इस मामले में भारतीय दिवाला और शोधन अक्षमता बोर्ड (आईबीबीआई) से भी उनकी प्रतिक्रिया मांगी है। मामले की अगली सुनवाई 7 अगस्त को होगी।
आरपी की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता रामजी श्रीनिवासन ने कहा कि यात्रियों की रकम वापसी की प्रक्रिया गो फर्स्ट की पुनरुद्धार योजना का हिस्सा है और सीओसी ने योजना के लिए अपनी मंजूरी दे दी है।