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मध्य प्रदेश के श्योपुर जिले में स्थित कूनो अभ्यारण्य (sanctuary) में चीतों के आगमन से श्योपुर जिले और स्थानीय सहरिया आदिवासियों की अर्थव्यवस्था में सकारात्मक बदलाव आ रहा है। प्रदेश सरकार स्थानीय आदिवासियों को होम स्टे तथा गाइड बनने का प्रशिक्षण देकर उन्हें इस दिशा में जरूरी मदद मुहैया करा रही है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के मुताबिक इस अभयारण्य में लोग फरवरी 2023 से चीते देखने जा सकेंगे।
चौहान ने जिले में चीतों से जुड़ी अर्थव्यवस्था विकसित करने के बारे में बताया कि सरकार का काम केवल चीतों को अभयारण्य में लाकर समाप्त नहीं हो गया है बल्कि वह चीता प्रोजेक्ट के तहत वहां चीता टूरिज्म विकसित करने के प्रयास कर रही है। इसके तहत स्थानीय सहरिया आदिवासियों को आर्थिक और भौतिक सहायता उपलब्ध कराई जा रही है ताकि वे अपने घरों को होम स्टे में बदल सकें। पर्यटकों को भी प्रेरित किया जाएगा वे स्थानीय आदिवासियों के घरों में रुककर उनके पारंपरिक जीवन का अनुभव ले सकें। इसके लिए चुनिंदा परिवारों को प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने बताया कि चीतों के आगमन के बाद कूनो के आसपास के आर्थिक परिदृश्य में तेजी से बदलाव आया है। हालांकि अभी आम जनता चीते नहीं देख सकती लेकिन इसके बावजूद पर्यटकों का आगमन बढ़ा है और आसपास की जमीन की कीमतों में भी कई गुना इजाफा हो चुका है। सरकार कूनो अभयारण्य में काम करने वाले गाइड्स को भी विदेशी पर्यटकों को सेवा देने के लिए अंग्रेजी भाषा सिखा रही है। सितंबर माह में नामीबिया से 8 चीते कूनो लाए गए थे। अब सरकार की योजना दक्षिण अफ्रीका से और चीते लाने की है।