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BS BFSI Summit: प्राइवेट इ​क्विटी के विकास को बढ़ावा देंगी निर्माण कंपनियां

प्रमुख निजी इ​क्विटी फर्मों के प्रमुखों ने बिज़नेस स्टैंडर्ड के समिट में कहा कि घरेलू, पेशेवर तरीके से संचालित निर्माण कंपनियां पीई/वीसी उद्योग के विकास को बढ़ावा दे रही हैं।

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देव चटर्जी   
Last Updated- October 31, 2023 | 10:28 PM IST

भारतीय निजी इ​क्विटी क्षेत्र आगामी दशक में मजबूत वृद्धि के लिए तैयार है। प्रमुख निजी इ​क्विटी फर्मों के प्रमुखों ने यहां बिज़नेस स्टैंडर्ड बीएफएसआई समिट में कहा कि घरेलू, पेशेवर तरीके से संचालित निर्माण कंपनियां पीई/वीसी उद्योग के विकास को बढ़ावा दे रही हैं।

मल्टीपल्स अल्टरनेट ऐसेट की संस्थापक, प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्या​धिकारी रेणुका रामनाथ ने निजी इ​क्विटी सीईओ के साथ एक पैनल चर्चा में कहा, ‘निजी इ​क्विटी और उद्यम पूंजी (पीई/वीसी) निवेश में नकारात्मक रुझान दूर हुआ है और लगातार तेजी बनी हुई है।’

वै​​श्विक पीई/वीसी निवेश में भारत की भागीदारी वर्ष 2020 के 14 प्रतिशत से बढ़कर 2023 में 23 प्रतिशत पर पहुंच गई, जिससे निवेश स्थान के तौर पर भारत की लोकप्रियता का पता चलता है।

उन्होंने कहा, ‘मैं निर्णायक रूप से यह कहना चाहूंगी कि निवेश के लिए नकारात्मक रुझान समाप्त हुआ है और सकारात्मक बदलाव आया है। पीई क्षेत्र से पूंजी प्रवाह में अच्छी तेजी आई है।’

बेन कैपिटल में पार्टनर (प्राइवेट इ​क्विटी) अमित चंद्रा ने कहा कि अगले 20 साल के दौरान दो प्रमुख रुझान भारतीय कॉरपोरेट क्षेत्र में बने रहेंगे, क्योंकि पेशेवर तौर पर संचालित कंपनियां और उभरते भारतीय निर्माण क्षेत्र केंद्र में रहेंगे।

चंद्रा ने कहा, ‘पीई दीर्घाव​धि पूंजी प्रदाता हैं और इसलिए जब हम लंबे समय के लिए पूंजी प्रदान करते हैं तो हमें दीर्घाव​धि रुझानों को देखना होगा। जब पीई ने भारत में लगभग 15 साल पहले अपनी शुरुआत की थी तो इनका योगदान देश के लिए विदेशी प्रत्यक्ष निवेश में एक-चौथाई था। अब, पिछले तीन साल में उतार-चढ़ाव के बावजूद निजी इ​क्विटी और उद्यम पूंजी कंपनियों का योगदान भारत में कुल एफडीआई का दो-तिहाई से ज्यादा है। इसलिए, यह देश के लिए दीर्घाव​धि पूंजी का बेहद महत्त्वपूर्ण स्रोत बन गया है।’

मोतीलाल ओसवाल अल्टरनेट इन्वेस्टमेंट एडवाइजर्स के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्या​धिकारी विशाल तुलस्यान ने सीईओ के मजबूत रुझान पर सहमति जताते हुए कहा, ‘पिछले दो-तीन साल में भारत में निवेश उससे पहले के 4-5 साल की तुलना में दोगुना दर्ज किया गया।’

उन्होंने कहा कि निर्माण क्षेत्र में बड़ी तेजी दर्ज की जा रही है, क्योंकि इस क्षेत्र में कई भारतीय कंपनियां भारत को 10 प्रतिशत की दर से बढ़ने में मदद करेंगी।

तुलस्यान ने डिक्सन टेक्नोलॉजीज में एक दशक पहले (जब कोई भी इलेक्ट्रॉनिक क्षेत्र में निवेश नहीं कर रहा था) के निवेश का जिक्र करते हुए कहा, ‘अगले 20-25 वर्षों के दौरान भारत बढ़कर 35 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बन जाएगा और यह लक्ष्य पूंजी के व्यापक समेकन के बगैर हासिल नहीं किया जा सकेगा। कुल मिलाकर, अगले 7 से 10 वर्षों के दौरान पीई/वीसी निवेश की संख्या मौजूदा समय के मुकाबले बढ़कर 5 गुना हो जाएगी। बड़ी मात्रा में पूंजी लगाई जाएगी।’

हालां​कि ब्लैकसॉइल के संस्थापक अंकुर बंसल का मानना है कि स्टार्टअप के लिए मौजूदा समय में मु​श्किल से ही पूंजी मौजूद है और जो हाल तक प्रचुर मात्रा में उपलब्ध थी, उसकी भी अब किल्लत हो गई है।

बंसल ने कहा, ‘इसकी वजह से, डेट जैसे वैक​ल्पिक पूंजी स्वरूपों की ज्यादा मांग है। यह उद्योग शुरू में काफी छोटा था और इसका आकार करीब 20 करोड़ डॉलर था जो अब अरबों डॉलर के पार पहुंच गया है। जिस तरह से उद्योग भागीदार इस नए परिसंप​त्ति वर्ग में दिलचस्पी दिखा रहे हैं, उससे लग रहा है कि बड़ा बदलाव आ रहा है।’

करीब 30 स्टार्टअप कंपनियों ने वित्त वर्ष 2023 में 20,000 करोड़ रुपये का नुकसान दर्ज किया और पिछले 7-8 साल में स्टार्टअप तंत्र में 140 अरब डॉलर का निवेश हुआ है तथा हर कोई अपने बिजनेस मॉडल में बदलाव लाने पर जोर दे रहा है।

रामनाथ ने कहा कि भविष्य में कुछ खास क्षेत्र पीई उद्योग के लिए मददगार साबित होंगे। उन्होंने कहा, ‘वित्तीय क्षेत्र, फार्मास्युटिकल और हेल्थकेयर, घरेलू खपत पीई द्वारा निवेश के मजबूत क्षेत्र हैं।’

रामनाथ ने कहा, ‘कंज्यूमर टेक्नोलॉजी क्षेत्र में ठहराव आया है, लेकिन पारंपरिक उपभोक्ता क्षेत्र निवेश का भरोसेमंद विकल्प रहा है।’

उन्होंने कहा, ‘अब हम हेल्थकेयर में अच्छी दिलचस्पी देख रहे हैं, लेकिन पिछले 10 साल में कोई भी किसी हेल्थकेयर परिसंप​त्ति में निवेश को इच्छुक नहीं था।’

First Published : October 31, 2023 | 10:28 PM IST