पुरानी कारों की मांग में साल 2024 की दूसरी तिमाही (अप्रैल से जून) के दौरान उछाल आई है, क्योंकि वेतनभोगी पेशेवरों में से लगभग आधे (48.5 प्रतिशत) कार खरीदकर पदोन्नति और बोनस के रूप में अपने करियर की उपलब्धियों को चिह्नित कर रहे हैं। ऑटोटेक कंपनी कार्स24 की नई रिपोर्ट से यह जानकारी मिली है।
यह बदलाव खर्च करने योग्य आय में वृद्धि, पुरानी कारों को वहन करने की बढ़ती क्षमता और बेहतर निजी आवागमन की चाह के कारण हुआ है। इनमें से ज्यादातर खरीद दिल्ली, मुंबई और बेंगलूरु जैसे महानगरों के कर्मचारियों द्वारा की गई थी। अलबत्ता पुरानी कारों की लोकप्रियता महानगरों से बाहर भी फैली हुई है और गैर-महानगर के बाजारों में वृद्धि देखी गई है।
आगरा, कोयंबत्तूर, नागपुर और वडोदरा इस मामले में सबसे आगे हैं, क्योंकि इन शहरों में औसतन बिक्री में 25 प्रतिशत का इजाफा देखा गया है, जो निजी वाहनों का व्यापक आकर्षण और मांग तथा देश भर में पुरानी कारों की बढ़ती मांग को दर्शाता है।
खरीदारों के बीच कारों के सबसे ज्यादा लोकप्रिय मॉडलों में ह्युंडै ग्रैंड आई10, मारुति सुजूकी स्विफ्ट और बलेनो शामिल हैं। एसयूवी श्रेणी में भी खासा इजाफा देखा गया है और एमजी हेक्टर तथा निसान मैग्नाइट जैसे मॉडल लोकप्रिय हो रहे हैं।
एसयूवी की दिशा में यह बदलाव व्यापक प्रवृत्ति को दर्शाता है। पिछले पांच साल के दौरान पुरानी कार श्रेणी में उनकी बाजार हिस्सेदारी 10 प्रतिशत से बढ़कर तकरीबन 20 प्रतिशत हो गई है।
दूसरी तिमाही के दौरान सांस्कृतिक कार्यक्रमों और उपहार देने के अवसरों की बदौलत कार बिक्री में एक अनूठा रुझान देखा गया। अक्षय तृतीया को पारंपरिक रूप से शुभ खरीदारी के लिए मनाया जाता है, इस अवसर पर कार की बिक्री में उछाल देखी गई है।