facebookmetapixel
बाढ़, बारिश और गर्मी से कारोबार को नुकसान? छोटे व्यापारियों के लिए क्लाइमेट इंश्योरेंस इसलिए जरूरी!2026 में 43% तक अपसाइड दिखा सकते हैं ये 5 दमदार शेयर, ब्रोकरेज की सलाह- BUY करेंनए लेबर कोड पर उद्योग जगत की बड़ी आपत्ति, दावा: वेतन के नियम और ग्रेच्युटी से बढ़ेगा भर्ती खर्चPAN कार्ड आधार से लिंक नहीं? अगर हां तो 31 दिसंबर तक कर लें पूरा, नहीं तो नए साल में होगी दिक्कत1 जनवरी से कम हो सकती हैं CNG, PNG की कीमतें, PNGRB टैरिफ में करेगी बदलावकर्नाटक के चित्रदुर्ग में स्लीपर बस और लॉरी में भयंकर टक्कर, आग लगने से 10 लोग जिंदा जलेStock Market: क्रिसमस के चलते आज शेयर बाजार बंद, BSE-NSE और MCX में नहीं होगी कोई ट्रेडिंगToday’s Weather: कोहरा, सर्दी और जहरीली हवा – क्रिसमस के दिन आज कैसा रहेगा मौसम का मिजाज?राजधानी की कनेक्टिविटी को नई रफ्तार: दिल्ली मेट्रो के विस्तार पर मुहर, ₹12 हजार करोड़ से ज्यादा होंगे खर्चगोवा से शिमला तक हाउस फुल! साल के अंत में होटल उद्योग ने दिखाई तेजी, दिसंबर में बुकिंग 30% तक बढ़ी

स्थानीय नियमों के लिए जूझ रहीं ई-दोपहिया फर्में

पीएमपी योजना के तहत भी ऐसी ही चुनौती है जिसके तहत सब्सिडी के लिए स्थानीय मोटर असेंबली अनिवार्य है।

Last Updated- July 13, 2025 | 10:08 PM IST
Ola Electric rides into gig segment; set to launch sub-Rs 40K e-scooter

इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहन कंपनियों ने भारी उद्योग मंत्रालय से संपर्क किया है। उन्होंने वाहनों और वाहन कलपुर्जों के उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना के तहत स्थानीयकरण की गणना में इलेक्ट्रिक मोटरों को शामिल करने से छूट मांगी है। साथ ही उन्होंने पीएम इलेक्ट्रिक ड्राइव रिवॉल्यूशन इन इनोवेटिव व्हीकल एन्हांसमेंट योजना के तहत सब्सिडी की पात्रता के लिए चरणबद्ध विनिर्माण कार्यक्रम (पीएमपी) के स्थानीयकरण की आवश्यकता से भी छूट मांगी है।

एक इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहन कंपनी के वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘पीएलआई योजना की पात्रता के लिए वित्तीय प्रोत्साहन हासिल करने के वास्ते 50 प्रतिशत के घरेलू मूल्य संवर्धन (डीवीए) स्तर तक पहुंचना जरूरी होता है। इन प्रोत्साहन की सीमा 13 से 16 प्रतिशत तक रहती है। हालांकि अब जब हमने स्थानीय असेंबली बंद कर दी है और पूरी मोटर चीन से आयात कर रहे हैं तो डीवीए की सीमा पूरी करना असंभव है। हमने चीन के साथ हालात का समाधान होने तक अस्थायी छूट का अनुरोध किया है।’

पीएमपी योजना के तहत भी ऐसी ही चुनौती है जिसके तहत सब्सिडी के लिए स्थानीय मोटर असेंबली अनिवार्य है। यह सब्सिडी मार्च 2026 के अंत तक प्रति वाहन लगभग 5,000 रुपये है। अधिकारी का कहना है कि अगर मोटर आयात की जाती है तो सब्सिडी नहीं मिलेगी।

दोपहिया कंपनियों का तर्क है कि आयात में इस बदलाव से कुल उत्पादन लागत बढ़ जाएगी। अधिकारी ने कहा, ‘कीमत में यह वृद्धि मूल उपकरण विनिर्माता (ओईएम) द्वारा वॉल्यूम के आधार पर अलग-अलग होती है। साथ ही इन मोटरों को विभिन्न मॉडलों के अनुरूप किया जाना चाहिए और इन वाहनों का भारतीय एजेंसियों से परीक्षण होना जरूरी है। इसलिए वाहनों के सड़क पर आने में अब भी दो से तीन महीने की देरी होगी।’

First Published - July 13, 2025 | 10:08 PM IST

संबंधित पोस्ट