facebookmetapixel
कर्मचारियों से मिलकर प्रतिक्रिया जानेंगे इंडिगो के शीर्ष अधिकारीचार्ट्स ने दिया ग्रीन सिग्नल! ICICI, HDFC, SBI समेत इन 5 Bank Stocks में 30% तक रिटर्न का संकेतइंडिगो के खिलाफ शिकायतों पर CCI करेगा जांचबेहतर तिमाही नतीजों से Phoenix Mills पर ब्रोकरेज बुलिश, रेटिंग की अपग्रेडStocks to Watch today: ICICI Pru AMC की लिस्टिंग आज; HCLTech, Airtel समेत ये शेयर रहेंगे फोकस मेंStock Market Today: वैश्विक संकेतों के बीच शेयर बाजार में आज मजबूत शुरुआत के आसारAI आधारित कमाई और विदेशी निवेश पर जोर, ASK ने बाजार आउटलुक में दी दिशाSEBI ने छोटे मूल्य में जीरो-कूपन बॉन्ड जारी करने की दी अनुमति, ₹1000 से कम में खरीद सकते हैं निवेशकसोने-चांदी की तेजी से पैसिव फंडों की हिस्सेदारी बढ़ी, AUM 17.4% पर पहुंचाSEBI की नई फीस नीति से एएमसी शेयरों में जबरदस्त तेजी, HDFC AMC का शेयर 7% तक चढ़ा

वाहन कंपनियों में नए निवेश की आस कम

Last Updated- December 15, 2022 | 4:53 AM IST

कोविड महामारी के बाद देश के वाहन क्षेत्र में नए निवेश के लाले पड़ सकते हैं और नौकरियां भी जा सकती हैं। वाहन निर्माताओं के संगठन सायम ने आज कहा कि इस क्षेत्र की कंपनियों को महामारी और उसके बाद देशव्यापी बंद से हुए नुकसान से उबरने में लंबा वक्त लग सकता है। वाहन कंपनियां एवं कल-पुर्जा विनिर्माता देश के कुल सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में 7 प्रतिशत योगदान करते हैं।

सायम के अध्यक्ष राजन वढेरा ने कहा, ‘वित्त वर्ष 2021 के अंत में वाहनों की बिक्री 2018 की बिक्री के मुकाबले केवल 50 प्रतिशत रह जाएगी। 2018 के आंकड़े तक पहुंचने के लिए कंपनियों को कम से कम 3-4 वर्ष लग सकते हैं। सरकार ने वाहन क्षेत्र के लिए किसी प्रोत्साहन की घोषणा नहीं की है, जिससे हालात में सुधार शायद 2023 के अंत तक ही हो पाए।’ वढेरा ने कहा कि कोविड-19 महामारी के कारण वाहन उद्योग में नौकरियां जाने की आशंका से भी इनकार नहीं किया जा सकता है। उन्होंने कहा, ‘जब कंपनियां लगातार सुस्त कारोबार से परेशान रहेंगी तो वे लागत कम करने के रास्ते तलाशेंगी और कर्मचारियों की संख्या में कमी भी एक रास्ता होगा।’

सायम के अनुमान के अनुसार महामारी के कारण देश की अर्थव्यवस्था सुस्त पडऩे से चालू वित्त वर्ष के अंत तक विभिन्न वाहन श्रेणियों में घरेलू बिक्री में 26 से 45 प्रतिशत तक गिरावट आएगी। व्यावसायिक वाहनों की बिक्री पर सबसे अधिक चोट पड़ेगी। वाहन उद्योग के वरिष्ठ अधिकारियों का कहना है कि श्रमिकों की कमी और लोगों के बीच आपसी संपर्क कम से कम रखने के दिशानिर्देशों के कारण मांग में कमी और आपूर्ति तंत्र से जुड़ी बाधाओं से वाहनों के उत्पादन पर असर होगा। इस बारे में एक अधिकारी ने कहा कि पिछले वर्ष अप्रैल-जून के मुकाबले इस बार मांग 40-50 प्रतिशत तक कम हो गई है।

वढेरा के अनुसार वाहन कंपनियों के उत्पादन संयंत्र जरूर खुले हैं, लेकिन काम कभी चलता है और कभी थम जाता है। मारुति और हुंडई कंपनियों के उत्पादन संयंत्र खुलने के बाद उनके कई कर्मचारियों के कोविड-19 से संक्रमित होने की खबरें आई हैं। हालांकि वाहन उद्योग से जुड़े लोगों के अनुसार ग्रामीण क्षेत्रों में दोपहिया और ट्रैक्टरों की बिक्री और मांग मजबूत होने पर आगे की तस्वीर बेहतर हो सकती है। महिंद्रा ऐंड महिंद्रा ने कहा कि यह जून महीना कंपनी के इतिहास में सबसे बेहतर रहा है।

हुंडई इंडिया में निदेशक (बिक्री, विपणन एवं सेवा) तरुण गर्ग ने कहा कि 2019 के मुकाबले जुलाई में बिक्री 90 प्रतिशत तक सुधर जाएगी। गर्ग ने कहा, ‘पिछले साल के मुकाबले जून में खुदरा बिक्री 75 प्रतिशत तक पहुंच गई और जुलाई में यह आंकड़ा पिछले वर्ष की

तुलना में 90-100 प्रतिशत तक पहुंचने की उम्मीद है। मुझे लगता है कि यह सकारात्मक संकेत है और देश के वाहन उद्योग की मजबूती को दर्शाता है।’

First Published - July 14, 2020 | 10:35 PM IST

संबंधित पोस्ट