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कारोबार विभाजन के बाद टाटा मोटर्स के शेयरों में उठा-पटक संभव

नई गठित सीवी इकाई सभी नियामकों से मंजूरी मिलने के लगभग 30 दिन बाद नवंबर की शुरुआत तक सूचीबद्ध होने की उम्मीद है

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सोहिनी दास   
Last Updated- October 01, 2025 | 9:50 PM IST

टाटा मोटर्स के वाणिज्यिक वाहन (सीवी) और यात्री वाहन (पीवी) कारोबारों के अलग होने से इसके शेयर में निकट भविष्य में उतार-चढ़ाव दिख सकता है। विश्लेषकों ने यह अनुमान जताया है। टाटा मोटर्स के ये दोनों वाहन कारोबारी खंड 1 अक्टूबर से अलग हो गए हैं। कंपनी का शेयर 30 सितंबर को बीएसई में कारोबार के दौरान 5.54 प्रतिशत तक उछल गया और बाद में 718.15 रुपये पर बंद हुआ था।

अब कंपनी की दो अलग-अलग सूचीबद्ध इकाइयां होंगी। सीवी कारोबार टाटा मोटर्स कॉमर्शियल व्हीकल्स (टीएमएलसीवी) का हिस्सा हो जाएगा जबकि ईवी और जेएलआर सहित पीवी कारोबार टाटा मोटर्स का हिस्सा हो जाएगा। कारोबार अलग होने से आने वाले समय में कंपनी को फायदा होगा। टाटा मोटर्स के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन ने कहा था, ‘कारोबार अलग होने से हमें बाजार के अवसरों का बेहतर लाभ उठाने में मदद मिलेगी।’

शेयर हकदारी अनुपात 1:1 होगा यानी टाटा मोटर्स के शेयरधारकों के पास दोनों कंपनियों में समान हिस्सेदारी रहेगी जिससे उनका स्वामित्व अपरिवर्तित रहेगा।

जेएम फाइनैंशियल ने कहा कि टाटा मोटर्स 14 अक्टूबर 2025 की अस्थायी रिकॉर्ड तिथि के साथ एक रणनीतिक कारोबारी विभाजन से गुजरने के लिए तैयार है। विश्लेषकों ने कहा, ‘रिकॉर्ड तारीख के बाद सीवी खंड सूचीबद्ध इकाई (टाटा मोटर्स लिमिटेड) से अलग हो जाएगा जिससे शेयर में उतार-चढ़ाव दिख सकता है।’

नई गठित सीवी इकाई सभी नियामकों से मंजूरी मिलने के लगभग 30 दिन बाद नवंबर की शुरुआत तक सूचीबद्ध होने की उम्मीद है। सीवी कारोबार की सूचीबद्धता के बाद इसका नाम बदल कर टाटा मोटर्स लिमिटेड रख दिया जाएगा, जबकि पीवी कारोबार टाटा मोटर्स पैसेंजर व्हीकल्स लिमिटेड (टीएमपीवी) नाम से जानी जाएगी।

इस बात पर भी नजरें टिकी होंगी कि जगुआर लैंड रोवर 31 अगस्त को साइबर हमले की घटना के बाद उत्पादन कितनी शिद्दत के साथ जारी रख सकता है। जेएम फाइनैंशियल के विश्लेषकों ने कहा कि वैसे तो अमेरिका, ब्रिटेन और चीन में मांग स्थिर है लेकिन नकदी की स्थिति तो जरूर प्रभावित होगी।

जहां तक सीवी कारोबार की बात है तो नई जीएसटी दरें प्रभावी होने से छोटे सीवी खंड को लाभ मिल सकता है जहां खरीदार इनपुट-टैक्स-क्रेडिट (आईटीसी) का दावा नहीं करते हैं। जेएम फाइनैंशियल ने कहा कि वित्त वर्ष 2026 की दूसरी छमाही में दो अंक की वृद्धि होने की संभावना है जिसमें त्योहारों मांग और जीएसटी में कमी की अहम भूमिका होगी। नोमूरा  के विश्लेषकों ने कहा कि कंपनी प्रबंधन को उम्मीद है कि जीएसटी में कमी से सीवी कारोबार को मदद मिलेगी क्योंकि ट्रक अधिक किफायती हो जाएंगे और माल ढुलाई कारोबार भी रफ्तार पकड़ लेगा।

नोमूरा ने कहा, ‘सीवी उद्योग के वित्त वर्ष 26 में लगभग 5 प्रतिशत अनुमानित सालाना बढ़ोतरी की संभावना है, जिसका मतलब है कि वित्त वर्ष 26 की दूसरी छमाही में 10 प्रतिशत सालाना वृद्धि होगी काफी जो सकारात्मक है।’

जीएसटी में कमी के बाद पीवी खंड के लिए त्योहारों की बुकिंग में 25-30 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। टाटा मोटर्स ने अगले 12 महीनों में आईसीई और ईवी मॉडल सहित सात नए वाहन उतारने की योजना बनाई है। नोमूरा ने कहा, ‘दीर्घ अवधि में प्रबंधन को उम्मीद है कि वाहन उद्योग वास्तविक सकल घरेलू उत्पाद के 1-1.5 गुना या लगभग 6-8 प्रतिशत सालाना दर से बढ़ेगा। टाटा मोटर्स  पीवी खंड मजबूत परिचालन, विविध वाहनों और जनवरी 2026 में कीमतें बढ़ाने की अपनी योजना के दम पर दीर्घ अवधि में दो अंक का एबिटा मार्जिन हासिल करना चाहती है।’

First Published : October 1, 2025 | 9:47 PM IST