देश में वाहनों की खुदरा बिक्री (Retail Sales) में जून महीने के दौरान पिछले साल के मुकाबले केवल 0.73 प्रतिशत की मामूली वृद्धि हुई है। फेडरेशन ऑफ ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशंस (FADA) के आंकड़ों से यह जानकारी मिली है।
जहां दोपहिया और तिपहिया श्रेणियों में पिछले साल की तुलना में क्रमश: 4.66 प्रतिशत और 5.1 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज हुई है, वहीं यात्री वाहनों, ट्रैक्टरों और वाणिज्यिक वाहनों जैसी अन्य श्रेणियों में क्रमश: 6.7 प्रतिशत, 28.3 प्रतिशत और 4.7 प्रतिशत की गिरावट नजर आई है।
डीलरों की चिंता बढ़ाने वाली बात यह है कि बिना बिके यात्री वाहनों का स्तर 62 से 67 दिनों के दायरे में सर्वकालिक शीर्ष स्तर पर पहुंच गया है।
फाडा के अध्यक्ष मनीष राज सिंघानिया ने कहा ‘आम तौर पर जून देश की खुदरा वाहन बिक्री के मामले में सबसे कमजोर महीनों में से एक होता है। इस साल हालांकि मॉनसून महाराष्ट्र तक सामान्य रूप से आगे बढ़ा, लेकिन उसने रफ्तार गंवा दी जिससे पश्चिम बंगाल, बिहार, उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में बारिश में देर हुई।’
उन्होंने कहा ‘इससे उत्तर-पश्चिम भारत में भीषण गर्मी का असर और बढ़ गया। इस कारण लंबे समय तक यही स्थिति बनी रहा जिससे न केवल लू तेज हो गई, बल्कि उत्तरी और उत्तर-पश्चिमी क्षेत्रों में खरीफ फसलों के बुआई के काम में भी देरी हुई। इस सबका ग्रामीण बिक्री पर असर पड़ा।’
दोपहिया श्रेणी को खासी चुनौतियों का सामना करना पड़ा और पिछले साल की तुलना में 4.66 प्रतिशत की वृद्धि के बावजूद पिछले महीने के मुकाबले बिक्री में 10.36 प्रतिशत की गिरावट आई। अत्यधिक गर्मी जैसे कारण से 13 प्रतिशत कम ग्राहक आए, मॉननसून के अटकने और बाजार में चुनाव संबंधी मंदी जैसे कारणों से ग्रामीण बिक्री प्रभावित हुई जो मई के 59.8 प्रतिशत से गिरकर जून में 58.6 प्रतिशत रह गई।
यात्री वाहनों की बिक्री में खासी गिरावट देखी गई जो पिछले साल के मुकाबले 6.77 प्रतिशत तक और पिछले महीने के मुकाबले 7.18 प्रतिशत तक घट गई। सिंघानिया ने कहा कि वाहनों की उपलब्धता में सुधार तथा मांग को बढ़ावा देने के उद्देश्य से पर्याप्त छूट के बावजूद अत्यधिक गर्मी की वजह से 15 प्रतिशत कम ग्राहक आए और मॉननसून में देरी के कारण बाजार की धारणा सुस्त बनी हुई है।
डीलरों के फीडबैक में ग्राहकों की कम पूछताछ और खरीदारी का फैसले स्थगित करने जैसी चुनौतियों पर प्रकाश डाला गया है। उन्होंने कहा कि त्योहारी सीजन में अब भी कुछ समय बाकी होने से यात्री वाहनो के ओईएम के लिए सावधानी बरतना महत्वपूर्ण है। ब्याज की अधिक लागत का वित्तीय दबाव कम करने के लिए बिना बिके वाहनों के स्टॉक के प्रबंधन की कारगर रणनीति जरूरी है।
वाणिज्यिक वाहनों की श्रेणी में भी गिरावट का रुख नजर आया और बिक्री सालाना आधार पर 4.74 प्रतिशत तथा मासिक आधार पर 12.42 प्रतिशत घट गई। जून में मॉनसून में देरी, बाजार की कमजोर धारणा जैसी चुनौतियां रहीं।