प्रतीकात्मक तस्वीर | फाइल फोटो
रेनॉ निसान ऑटोमोटिव इंडिया प्राइवेट लिमिटेड (आरएनएआईपीएल) में निसान की 51 फीसदी हिस्सेदारी खरीदने वाली फ्रांस की कार विनिर्माता रेनॉ को फिलहाल किसी साझेदार की तलाश नहीं है। कंपनी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि कंपनी अगले कुछ वर्षों में अपने चेन्नई संयंत्र की पूरी क्षमता का दोहन करना चाहती है। कंपनी फिलहाल घरेलू वाहनों की पेशकश, निर्यात और ठेके पर विनिर्माण के लिए चेन्नई संयंत्र की करीब 50 फीसदी क्षमता का उपयोग कर रही है।
कंपनी ने बुधवार को 6.2 से 8.4 लाख रुपये की कीमत वाली अगली पीढ़ी की ट्राइबर बाजार में उतारी है। बीते पांच वर्षों में कंपनी ने पहली बार कोई प्रमुख वाहन बाजार में उतारा है।
रेनॉ इंडिया का अपने डिजाइन, इंजीनियरिंग, विनिर्माण और वाणिज्यिक (सेल्स ऐंड सर्विस नेटवर्क) संचालन के लिए एकीकृत मॉडल है। कंपनी के प्रबंध निदेशक वेंकटराम मामिलापल्ले ने कहा, ‘हम किसी भी अन्य भारतीय वाहन के मूल उपकरण विनिर्माताओं (ओईएम) की तरह ही हैं।’ उन्होंने कहा कि रेनॉ इंडिया को फिलहाल किसी दूसरे भागीदार की तलाश नहीं है।
इस साल की शुरुआत में रेनॉ ने संकेत दिया था कि वह निसान मोटर कंपनी से रेनॉ निसान ऑटोमोटिव इंडिया प्राइवेट लिमिटेड की 51 फीसदी हिस्सेदारी खरीदेगी और ममिलापल्ले ने कहा कि लेनदेन लगभग पूरा हो गया है और अगले कुछ हफ्तों में पूरा हो जाना चाहिए। रेनॉ अब अगले कुछ वर्षों में अपने चेन्नई संयंत्र में क्षमता उपयोग को 100 फीसदी करने की योजना बना रही है। ममिलापल्ले ने कहा, ‘फिलहाल, हम संयंत्र की करीब 50 फीसदी क्षमता का उपयोग कर रहे हैं, जहां सालाना 4.72 लाख कारें बन सकती हैं। इनमें घरेलू बिक्री, निर्यात आदि शामिल है।’ रेनॉ इस संयंत्र में निसान के लिए ठेके पर कारों का विनिर्माण भी करेगी।