प्रतीकात्मक तस्वीर | फाइल फोटो
अगस्त में घरेलू यात्री वाहनों (पीवी) की थोक बिक्री पिछले साल की तुलना में 7.3 प्रतिशत घटकर लगभग 330,000 वाहन रह गई। वाहनों की बिक्री में गिरावट मुख्य तौर पर इसलिए आई है क्योंकि ग्राहक जीएसटी परिषद द्वारा 4 सितंबर को वाहनों पर कर 28 प्रतिशत से घटाकर 18 प्रतिशत किए जाने के निर्णय का इंतजार कर रहे हैं।
भारत की सबसे बड़ी कार निर्माता कंपनी मारुति सुजूकी इंडिया (एमएसआईएल) की थोक बिक्री (डीलरों को भेजी गई गाड़ियां) अगस्त में सालाना आधार पर 7.5 प्रतिशत घटकर 1,44,145 वाहन रह गई। मारुति सुजूकी के वरिष्ठ कार्यकारी अधिकारी (मार्केटिंग एवं सेल्स) पार्थो बनर्जी ने कहा कि अगस्त में कंपनी ने उपभोक्ताओं की मांग के अनुसार अपनी गाड़ियों की आपूर्ति को नियंत्रित किया। उन्होंने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया, ‘15 अगस्त तक बुकिंग के मामले में अच्छी वृद्धि देखी गई।’
15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर अपने संबोधन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने घोषणा की कि जीएसटी ढांचे को सुव्यवस्थित किया जाएगा और इसमें केवल दो मुख्य कर स्लैब (5 प्रतिशत और 18 प्रतिशत) होंगे। साथ ही लक्जरी या हानिकारक वस्तुओं के लिए एक ऊंचा कर स्लैब (40 प्रतिशत) भी होगा। यह नया कर ढांचा मौजूदा समय में लागू चार-स्तरीय ढांचे की प्रभावी रूप से जगह लेगा।
जीएसटी परिषद दरों को अनुकूल बनाने के मुद्दे पर चर्चा के लिए 3 और 4 सितंबर को अपनी बैठक करेगी। वाहन मौजूदा समय में 28 प्रतिशत जीएसटी स्लैब के दायरे में आते हैं और इनके अब 18 प्रतिशत स्लैब में आने की उम्मीद है। बनर्जी ने कहा कि जीएसटी सुधारों की घोषणा के बाद, हमें बाजार में अच्छी बिक्री की उम्मीद है।
उन्होंने बताया कि अगस्त 2024 में ऑटोमोबाइल उद्योग की घरेलू यात्री वाहन बिक्री 356,113 यूनिट रही। उन्होंने कहा कि इस साल अगस्त में उद्योग की घरेलू यात्री वाहन बिक्री घटकर लगभग 330,000 वाहन रह गई।
उन्होंने बताया कि कई ऑटोमोबाइल कंपनियों ने अगस्त में सोच-समझकर अपने डीलरों को वाहन न भेजने का फैसला लिया था। उन्होंने कहा, ‘हमें इस महीने (अगस्त में) बहुत अधिक माल की आपूर्ति का अनुमान नहीं है। मांग की वास्तविक तस्वीर जीएसटी दर के अनुकूल होने के बाद स्पष्ट हो जाएगी। बुकिंग अभी भी बहुत अच्छी है। लोग हमारे शोरूम में आना जारी रखे हुए हैं।’
‘ग्रांट थॉर्नटन भारत’ के पार्टनर साकेत मेहरा ने कहा कि हालांकि जीएसटी को तर्कसंगत बनाने की आशंका यात्री वाहन बिक्री में मंदी के पीछे एक प्रमुख कारक बनी हुई है, लेकिन यह प्रवृत्ति केवल ऑटो क्षेत्र तक ही सीमित नहीं है। वाहन क्षेत्र में मॉनसून जैसे मौसमी कारकों ने भी ग्रामीण मांग में अस्थायी गिरावट में योगदान दिया है, विशेष रूप से एंट्री-लेवल और यूटीलिटी वाहनों के संदर्भ में।
महिंद्रा ऐंड महिंद्रा (एमऐंडएम) की घरेलू यात्री वाहन बिक्री अगस्त में सालाना आधार पर नौ प्रतिशत घटकर 39,399 वाहन रह गई। एमऐंडएम के ऑटोमोटिव डिवीजन के सीईओ नलिनीकांत गोलागुंटा ने कहा, ‘जीएसटी की अंतिम घोषणा के करीब आने के साथ, हमने अपने डीलरों के पास स्टॉक कम करने के लिए थोक बिलिंग में कटौती करने का फैसला किया है। हम जीएसटी ढांचे में बदलाव की प्रतीक्षा कर रहे हैं, क्योंकि यह त्योहारी सीजन में मांग को बढ़ावा देगा।’