देश में यात्री वाहन उत्पादन अगस्त में 4.1 प्रतिशत तक घट गया। इसकी वजह मूल उपकरण विनिर्माताओं (ओईएम) की ओर से डीलरों को भेजी जानी वाली खेप में करीब 9 प्रतिशत तक की गिरावट आना है। अगस्त के मध्य में जीएसटी 2.0 की घोषणा के बाद मांग में भारी गिरावट की वजह से ओईएम ने डीलरों को भेजी जाने वाली अपनी खेपों में बदलाव किया था।
चूंकि उपभोक्ताओं ने कीमतों में कटौती की उम्मीद में खरीदारी का फैसला रोक दिया था। इसलिए कई डीलरों के यहां यात्री वाहनों की खुदरा बिक्री प्रभावित हुई। इससे अगस्त के अंत तक बिना बिके वाहनों का स्टॉक इतना हो गया कि उससे 60 दिन की मांग पूरी की जा सके। कुल मिलाकर बिना बिके वाहनों का स्टॉक लगभग 6,00,000 हो गया। इस तरह ओईएम ने डीलरों को भेजी अपनी खेपों में कमी की। मारुति सुजूकी इंडिया जैसी प्रमुख कंपनियों ने खेपों में 8 प्रतिशत से अधिक की गिरावट दर्ज की। महिंद्रा ऐंड महिंद्रा (एमऐंडएम) की खेपों में 9 प्रतिशत से अधिक की गिरावट आई जबकि ह्युंडै मोटर इंडिया की खेपों में करीब 10 प्रतिशत तक की कमी रही।
सायम के महानिदेशक राजेश मेनन ने कहा कि अगस्त में यात्री वाहनों की बिक्री में पिछले साल अगस्त की तुलना में 8.8 प्रतिशत तक की गिरावट आई और यह घटकर 3,22,000 रह गई। इसका मुख्य कारण यात्री वाहन विनिर्माताओं द्वारा खेपों में बदलाव करना था।
जहां समूचे यात्री वाहन उत्पादन में 4 प्रतिशत तक की गिरावट आई, वहीं यात्री कार श्रेणी में 7.9 प्रतिशत (1,25,000 वाहन) की गिरावट देखी गई। इसके विपरीत यूटिलिटी वाहनों की बिक्री में 1.8 प्रतिशत तक की कमी आई। अलबत्ता उत्पादन में कटौती के बावजूद यात्री वाहन श्रेणी के निर्यात में 24.6 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। इस वजह से ह्युंडै जैसी ओईएम का मानना है कि जीएसटी कटौती का सबसे बड़ा लाभ छोटे स्पोर्ट्स यूटिलिटी वाहन (एसयूवी) वाली श्रेणी को होगा। इसमें 4 मीटर से कम लंबाई वाले मॉडल शामिल होते हैं।
ह्युंडै मोटर इंडिया के मुख्य परिचालन अधिकारी तरुण गर्ग ने पिछले सप्ताह कहा था कि छोटी एसयूवी वाली श्रेणी पहले से ही कार उद्योग की सबसे बड़ी श्रेणी है। जीएसटी दरों में सुधार के साथ-साथ 8वें वेतन आयोग की सिफारिशों और ग्राहकों की बढ़ती आकांक्षाओं की वजह से मांग को भारी बढ़ावा मिल सकता है। वर्तमान में उद्योग की समूची यात्री वाहन बिक्री में छोटी एसयूवी की हिस्सेदारी लगभग 30 प्रतिशत है। उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘छोटी एसयूवी श्रेणी में सबसे अधिक वृद्धि देखी जा सकती है।’ इस बीच मारुति ने उम्मीद जताई है कि वित्त वर्ष 27 से छोटी कारों की बिक्री में लगभग 10 प्रतिशत की वृद्धि होगी।
दोपहिया वाहनों की बिक्री में चमक दिखी और इसमें 7.1 प्रतिशत की वृद्धि हुई। अगस्त में डीलरों को 18.3 लाख वाहनों की खेप भेजी गई। इस श्रेणी में स्कूटरों ने सबसे अधिक वृद्धि दर्ज की। इसमें 12.7 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जबकि मोटरसाइकलों की बिक्री 4.3 प्रतिशत बढ़कर 11 लाख हो गई। तिपहिया वाहनों की अगस्त की बिक्री 76,000 वाहनों के साथ अब तक की सर्वाधिक बिक्री रही। इसमें पिछले अगस्त की तुलना में 8.3 प्रतिशत की उछाल आई।