पिछले शुक्रवार यानी 12 सितंबर से शुरू हुई ऐपल के नए आईफोन 17 के सभी वेरियंट की बुकिंग बीते साल पेश किए गए आईफोन-16 के मुकाबले 30 से 40 फीसदी अधिक हो गई है। वितरकों और खुदरा विक्रेताओं द्वारा जारी शुरुआती अनुमानों से इसका पता चला है।
काउंटरप्वाइंट रिसर्च के शुरुआती अध्ययन से इस रुझान के बारे में पता चला है। यह स्पष्ट तौर पर दर्शाता है कि भारतीय बाजार में शुरुआती स्तर के आईफोन 17 की बिक्री बीते साल पेश किए गए आईफोन-16 के मुकाबले कहीं अधिक होगी।
काउंटरप्वाइंट रिसर्च के शोध निदेशक तरुण पाठक ने कहा, ‘हम देख रहे हैं कि शुरुआती स्तर के आईफोन-17 की मांग आईफोन-16 के मुकाबले कहीं ज्यादा मजबूत रही है। अब आईफोन-17 का शुरुआती मॉडल 256 जीबी स्टोरेज के साथ आ रहा है, जबकि आईफोन-16 का शुरुआती मॉडल 128 जीबी स्टोरेज क्षमता के साथ पेश किया गया था। इसके अलावा इस पर मिल रही अधिक छूट ने भी लोगों को काफी आकर्षित किया है, जिससे खुदरा विक्रेताओं को भी लग रहा है कि इस मॉडल की बिक्री दमदार होने वाली है।’
ऐपल इंक के साथ बेहद करीब से जुड़े वितरकों का कहना है कि इतिहास गवाह रहा है कि जो बिक्री पहले दिन होती है वह बरकरार रहती है और इस बार बिक्री में यह उछाल कम से कम शुरुआती दौर में भारत में कंपनी के लिए एक तरह का रिकॉर्ड बना सकता है।
काउंटरप्वाइंट रिसर्च ने यह भी बताया कि आईफोन-17 प्रो और प्रो मैक्स दोनों की मांग काफी अधिक है। इसके अलावा इस बार कॉस्मिक ऑरेंज मॉडल ने उन ग्राहकों को काफी आकर्षित किया है, जिन्हें ऐपल इंक के इन अनूठे फोन अर्से से पसंद आते रहे हैं।
मगर वितरकों के साथ-साथ ऑनलाइन स्टोर पर भी आईफोन की कमी है, जिसका मतलब है कि इसे खरीदने वाले ग्राहकों को लंबे समय तक इंतजार करना पड़ सकता है।
हालांकि, आधिकारिक रूप से इस फोन की डिलिवरी 19 सितंबर से शुरू हो जाएगी, लेकिन लोकप्रिय इलेक्ट्रॉनिक्स दुकान विजय सेल्स ने अपनी वेबसाइट पर पहले ही कह दिया है कि प्रो और प्रो मैक्स की बिक्री 3 अक्टूबर से शुरू की जाएगी। ई-कॉमर्स की दिग्गज एमेजॉन की वेबसाइट पर न तो कॉस्मिक ऑरेंज और न ही डीप ब्लू आईफोन प्रो उपलब्ध है। मगर आईफोन-17 और आईफोन एयर ग्राहक खरीद सकते हैं।
पाठक ने बताया, ‘आईफोन-17 लेना है तो आपको थोड़ा अधिक इंतजार करना होगा और अगर आप नारंगी रंग वाला खास आईफोन लेना चाहते हैं तो और अधिक इंतजार करना होगा। वितरक हमें बता रहे हैं कि मांग पूरी करने के लिए इन्वेंट्री बनाने में उन्हें अभी काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।’