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फोक्सवैगन कर मांग मामले में हलफनामा दायर करने का निर्देश

वाहन कंपनी ने 1.4 अरब डॉलर यानी 12,000 करोड़ रुपये से अधिक की कर मांग को ‘बहुत अधिक’ बताया है।

Last Updated- February 26, 2025 | 10:37 PM IST
Volkswagen India

बंबई उच्च न्यायालय ने सीमा शुल्क विभाग को हलफनामा दायर कर यह बताने को कहा है कि स्कोडा ऑटो फोक्सवैगन इंडिया से 1.4 अरब डॉलर की कर मांग करने वाला उसका सितंबर, 2024 का कारण बताओ नोटिस किस तरह समयसीमा की बंदिश में नहीं आता है।

न्यायमूर्ति बीपी कोलाबावाला और न्यायमूर्ति फिरदौस पूनीवाला के पीठ ने वाहन विनिर्माता कंपनी की तरफ से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश पारित किया। विभाग को 10 मार्च तक अपना हलफनामा दाखिल करना है। इस याचिका में कर नोटिस को मनमाना और अवैध बताते हुए चुनौती दी गई है। वाहन कंपनी ने 1.4 अरब डॉलर यानी 12,000 करोड़ रुपये से अधिक की कर मांग को ‘बहुत अधिक’ बताया है। सीमा शु्ल्क विभाग ने नोटिस में कहा था कि कंपनी ने अपने आयात के संबंध में उसे भ्रामक जानकारी दी थी।

कंपनी ने ऑडी, स्कोडा और फोक्सवैगन कारों के अपने आयात को ‘पूरी तरह तैयार’ (सीकेडी) इकाइयों के बजाय अलग-अलग हिस्सों के रूप में गलत ढंग से पेश किया जिससे उसे काफी कम सीमा शुल्क का भुगतान करना पड़ा। इस पर स्कोडा ऑटो फोक्सवैगन इंडिया का कहना है कि सीमा शुल्क विभाग इतने वर्षों के बाद उससे कर की मांग नहीं कर सकता है। कंपनी अलग-अलग पुर्जों के आयात पर एक दशक से कर का भुगतान करती रही है। ऐसे में विभाग का सीकेडी इकाई श्रेणी के हिसाब से कर भुगतान के लिए कहना उचित नहीं है।

दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद पीठ ने कहा कि वह इस स्तर पर केवल समयसीमा के बिंदु पर ही इस मुद्दे पर फैसला करेगी। विदेश से सीकेडी इकाइयों के आयात पर 30-35 प्रतिशत शुल्क लगता है जबकि अलग-अलग कलपुर्जों के तौर पर आयात के लिए पांच-15 प्रतिशत शुल्क लगा है।

First Published - February 26, 2025 | 10:31 PM IST (बिजनेस स्टैंडर्ड के स्टाफ ने इस रिपोर्ट की हेडलाइन और फोटो ही बदली है, बाकी खबर एक साझा समाचार स्रोत से बिना किसी बदलाव के प्रकाशित हुई है।)

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