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‘निसार’ के साथ भारत एक और इतिहास रचने को तैयार

NASA और ISRO के बीच महत्त्वपूर्ण साझेदारी में निसार को आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा से बुधवार को लॉन्च किया जाएगा।

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शाइन जेकब   
Last Updated- July 29, 2025 | 10:24 PM IST

भारत ने नासा-इसरो सिंथेटिक अपर्चर रडार (निसार) मिशन के साथ अंतरिक्ष में एक और इतिहास रचने के लिए तैयार है। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा और भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के बीच महत्त्वपूर्ण साझेदारी में निसार को आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा से बुधवार को लॉन्च किया जाएगा।

इसे अब तक का दुनिया का सबसे महंगा पृथ्वी अवलोकन उपग्रह बताया जा रहा है। निसार में इमेजिंग टेक्नॉलजी पृथ्वी की सतह पर एक सेंटीमीटर तक के आकार के परिवर्तनों का भी बहुत उच्च रिजॉल्यूशन डेटा दे सकती है। यह मिशन अनुसंधान से जुड़े वैज्ञानिक समुदाय को मुफ्त पहुंच देकर अंतरिक्ष क्षेत्र के डेटा का भी लोकतंत्रीकरण करेगा।

नासा के मुताबिक निसार पृथ्वी ग्रह के पर्यावरण के बारे में रिकॉर्ड मात्रा में जानकारी एकत्र करेगा। यह हर 12 दिनों में दो बार पृथ्वी के लगभग संपूर्ण भूमि क्षेत्र और बर्फ की सतहों को स्कैन करेगा, जिससे बर्फ की चादरों, समुद्री बर्फ और ग्लेशियरों के विस्तार और संकुचन, प्राकृतिक आपदाओं के कारण इसकी परत के विरूपण, साथ ही पृथ्वी के स्थलीय पारिस्थितिक तंत्र में प्राकृतिक और मानवीय बदलावों के बारे में जानकारी मिलेगी। यह 24 घंटे पृथ्वी की तस्वीरें लेकर ज्वालामुखी परिवर्तनों, भूस्खलन और जलवायु परिवर्तन का पता लगाने में भी मदद करेगा।

पृथ्वी, बर्फ और समुद्र आदि के संबंध में माप और गणनाएं दो रडार प्रणालियों द्वारा किए जाएंगे। इनमें एक कैलिफोर्निया में जेट प्रोपल्शन लेबोरेटरी द्वारा निर्मित एल-बैंड प्रणाली है जबकि दूसरी  अहमदाबाद में इसरो के स्पेस ऐप्लीकेशन सेंटर में बनाई गई एस-बैंड प्रणाली।

First Published : July 29, 2025 | 10:12 PM IST