अच्छे मॉनसून के बाद जलाशयों के बेहतर स्तर और रबी की प्रमुख फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) अधिक होने से चालू वित्त वर्ष की दूसरी छमाही के दौरान भारतीय ट्रैक्टर उद्योग में फिर से तेजी आने वाली है। विश्लेषकों को उम्मीद है कि वित्त वर्ष 2025 की दूसरी छमाही में खुदरा बिक्री में 10 से 11 प्रतिशत के दायरे में दो अंकों की वृद्धि होगी। आंशिक रूप से कम आधार (क्योंकि वित्त वर्ष 24 में दूसरी छमाही के दौरान बिक्री में गिरावट देखी गई थी) के साथ-साथ कृषि के सकारात्मक मनोबल की वजह से ऐसा होने की संभावना है।
थोक बिक्री के लिहाज से चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही सपाट रही है। वित्त वर्ष 2024 की पहली छमाही की 4,69,383 की तुलना में 4,72,079 की बिक्री रही। वित्त वर्ष 2023-2024 के दौरान देश में ट्रैक्टर की बिक्री 8,74,504 थी, जो पिछले वर्ष की 9,40,985 बिक्री के मुकाबले 7 प्रतिशत कम है। यह गिरावट मुख्य रूप से साल 2023-2024 में खराब मॉनसून की वजह से हुई, जिसने खरीफ फसल के उत्पादन और कृषि कार्यों पर नकारात्मक असर डाला। इस तरह पहले सात महीने के दौरान खुदरा की वृद्धि अच्छी नहीं रही है। फाडा के आंकड़ों से पता चलता है कि अप्रैल और अक्टूबर के बीच खुदरा बिक्री 7.35 प्रतिशत घटकर 4,70,276 रह गई। अलबत्ता, अक्टूबर के दौरान खुदरा बिक्री में 3 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई।
इंटरनैशनल ट्रैक्टर्स लिमिटेड (आईटीएल) के संयुक्त प्रबंध निदेशक रमन मित्तल ने बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया कि ट्रैक्टर उद्योग में इस त्योहारी सीजन के दौरान जोरदार सुधार देखा गया है। इसे ऐसे कई कारणों से बढ़ावा मिला, जिन्होंने किसानों के मनेाबल को ऊंचा किया है। मित्तल ने बताया, ‘मॉनसून की धीमी शुरुआत के बावजूद जून-सितंबर 2024 के दौरान 108 प्रतिशत की असाधारण बारिश ने जलाशयों का स्तर काफी बढ़ा दिया और यह 14 प्रतिशत के साथ 10 साल के औसत को पार कर गया। परिणामस्वरूप दक्षिणी बाजार में उल्लेखनीय वृद्धि हुई।’
मित्तल ने कहा कि इन कारणों ने उद्योग के अनुमानों को तेजी के रुख वाले संशोधन के लिए लिए प्रेरित किया है। अब वित्त वर्ष 25 की दूसरी छमाही में वृद्धि दिखने की उम्मीद है जबकि पहले सपाट रहने का अनुमान था। उन्होंने कहा कि आईटीएल ने अक्टूबर 24 के दौरान 20,056 बिक्री की जो उसकी अब तक की सर्वश्रेष्ठ मासिक बिक्री रही।
बाजार की अग्रणी कंपनी महिंद्रा ऐंड महिंद्रा (एमऐंडएम) ने भी यह बात अनुभव की है कि वित्त वर्ष 25 पहली छमाही में लगभग 0.6 से 0.7 प्रतिशत की स्थिर वृद्धि के बाद उद्योग को दूसरी छमाही में 13 से 15 प्रतिशत की वृद्धि के साथ सुधार की उम्मीद है।
एमऐंडएम के कार्यकारी निदेशक और मुख्य कार्य अधिकारी (वाहन और कृषि क्षेत्र) राजेश जेजुरिकर ने कंपनी के दूसरी तिमाही के परिणामों के दौरान बताया था कि ट्रैक्टर उद्योग में ‘वृद्धि के अंकुर’ फूट रहे हैं। योगदान देने वाले कारकों में 8 प्रतिशत अधिक वर्षा, जलाशयों का 87 प्रतिशत स्तर और खरीफ उत्पादन में वृद्धि शामिल है।