केंद्र सरकार द्वारा प्रोत्साहन में कटौती करने के लिए भारत की तेजी से बढ़ते इलेक्ट्रिक वाहनों के बाजार ने इस महीने के पहले पखवाड़े में कमी दर्ज की है। इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों की हर रोज होने वाली औसत बिक्री में मई की तुलना में 62 फीसदी गिरावट हुई है।
सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के वाहन पोर्टल के आंकड़ों के अनुसार, मई महीने में हर दिन 3,395 वाहनों की बिक्री होती थी, जो जून में घट कर रोजाना 1,271 हो गई। पिछले महीने बेचे गए कुल 14,97,956 दो पहिया वाहनों में इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों की बिक्री 7.73 फीसदी थी। हालांकि, जून में अब तक यह कम होकर 2.65 फीसदी हो गई है।
मई में रोजाना 44,926 पेट्रोल वाले दोपहिया वाहन बिकते थे, जो जून में बढ़कर 46,755 हो गए। उद्योग के जानकारों के अनुसार, इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों की बिक्री में गिरावट फेम 2 योजना के प्रोत्साहन में कटौती और चरणबद्ध तरीके से विनिर्माण कार्यक्रम के दिशानिर्देशों में चल रही जांच के कारण हो रही है।
सरकार ने इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों की सब्सिडी 60,000 रुपये से कम कर 22,500 रुपये कर दी है। इस कारण इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों की कीमत में 20 फीसदी से अधिक की वृद्धि हो गई है, जो 80 हजार रुपये से लेकर 1.5 लाख रुपये तक है।
सरकार से सब्सिडी घटाने के फैसले के बाद जून के पहले सप्ताह में ही अधिकतर मूल उपकरण विनिर्माताओं (ओईएम) ने अपने वाहनों की कीमत में इजाफा कर दिया है। इससे ग्रीन वाहनों और पेट्रोल से चलने वाले दो पहिया वाहनों की लागत में भारी अंतर आ गया है।
एसऐंडपी ग्लोबल के निदेशक पुनीत गुप्ता ने कहा, ‘गैर प्रीमियम पेट्रोल वाले दोपहिया वाहन की कीमत 80,000 रुपये है। पहले इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहन भी इसी कीमत पर मिल जाते थे, लेकिन अब कीमत बढ़ 1 लाख रुपये प्रति वाहन हो गई है। इस कारण ही ग्राहक इलेक्ट्रिक वाहन खरीदने के पहले जितने इच्छुक नहीं रह गए हैं।’
इसके अलावा, हीरो इलेक्ट्रिक ने अपनी गाड़ियों की कीमतों में वृद्धि नहीं की है और कंपनी पीएमपी जांच के मद्देनजर अनिश्चितता के कारण बाजार से दूर हो रही है।
पिछले महीने बिज़नेस स्टैंडर्ड के साथ साक्षात्कार में हीरो इलेक्ट्रिक की बिक्री में भारी गिरावट के बारे में पूछे जाने पर कंपनी के मुख्य कार्याधिकारी सोहिंदर गिल ने कहा कि उत्पादन जानबूझकर घटाया गया है क्योंकि कंपनी चल रही जांच पर स्पष्टता चाहती है।