उद्योग

AI के दौर में भी दुनिया भर में मानवीय अनुवाद सेवाओं की मांग में जबरदस्त उछाल

आरडब्ल्यूएस के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) बेंजामिन फेज ने कहा कि वैश्विक व्यापार तनाव के कारण कंपनियां गैर-अंग्रेजी बाजारों में विस्तार करने की रणनीति अपना रही हैं

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अजिंक्या कवाले   
Last Updated- December 17, 2025 | 11:08 PM IST

दुनिया भर में भाषा सेवा प्रदाताओं यानी अनुवाद सेवाओं की मांग बढ़ने वाली है। आरडब्ल्यूएस के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) बेंजामिन फेज ने कहा कि वैश्विक व्यापार तनाव के कारण कंपनियां गैर-अंग्रेजी बाजारों में विस्तार करने की रणनीति अपना रही हैं।

बेंजामिन फेज ने बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया, ‘बढ़ते व्यापार तनाव और चीन की ​स्थिति देखकर कहा जा सकता है कि कई देश अपने व्यापार मार्गों में विविधता ला रहे हैं। कंपनियों को केवल अंग्रेजी के अलावा और भी अधिक भाषाओं में अनुवाद करने वालों की आवश्यकता होगी।’

कंपनी ने कहा कि वित्तीय वर्ष 2024 से वित्तीय वर्ष 2025 तक भारतीय भाषाओं में 16 प्रतिशत की वृद्धि हुई। सबसे अधिक मांग वाली भाषा हिंदी है। उसके बाद बंगाली, पंजाबी और तमिल हैं। हिंदी और अंग्रेजी को मिलाकर बोली जाने वाली हिंग्लिश के लिए भी मांग में वृद्धि दर्ज की जा रही है। अन्य गैर-अंग्रेजी भाषाओं में फ्रेंच, जर्मन, स्पेनिश, आसान चीनी और जापानी शामिल हैं।

ब्रिटेन स्थित कंपनी फार्मास्युटिकल्स, कानूनी, कॉर्पोरेट कंटेंट, फाइनैंशियल और पेटेंट जैसे उद्योगों को सेवाएं प्रदान करती है। उन्होंने कहा कि भारत आरडब्ल्यूएस के लिए सबसे तेजी से बढ़ते बाजारों में से एक है। यह सालाना 20 प्रतिशत की दर से बढ़ रहा है। फिलहाल मुंबई, बेंगलूरु और इंदौर में कारोबार कर रही कंपनी का अगले 18 महीनों में स्थानीय कार्यबल लगभग 1,400 से बढ़कर लगभग 2,000 होने की उम्मीद है।

यह कंपनी अपनी भाषा संबंधी सेवाओं के लिए जानी जाती है, जो वि​भिन्न कंपनियों को उनकी सामग्री, सॉफ्टवेयर, वीडियो और व्यवसाय के अन्य डिजिटल सेवाओं को स्थानीय भाषा में सरल बनाने में मदद करती है।

फेज ने कहा कि आर्टिफिशल इंटेलिजेंस (एआई) और अनुवाद जैसे उपयोग के मामलों के लिए उपकरणों को तेजी से अपनाने के बावजूद बड़े ग्राहकों के लिए सटीकता, एंटरप्राइज सुरक्षा और मानवीय हस्तक्षेप काफी मायने रखते हैं। फार्मा और कानून जैसे विशिष्ट क्षेत्रों में सामग्री की प्रस्तुति बहुत महत्त्वपूर्ण होती है। उन्होंने कहा, ‘मान लीजिए, आप एक फैशन रिटेलर हैं जो प्रतिदिन 200 उत्पाद 40 अलग-अलग भाषाओं में पेश करते हैं। इसका मतलब है कि इस काम को सफलतापूर्वक ल​क्षित वर्ग तक पहुंचाने के लिए लगभग 8,000 पृष्ठों का अनुवाद, परीक्षण और समीक्षा करने की आवश्यकता होगी।’

आरडब्ल्यूएस के पास भारत में एक भाषा कार्यालय है, जो भारतीय भाषाओं में अनुवाद की सेवाएं प्रदान करता है। फेज ने कहा कि वर्तमान में भारत की 22 आधिकारिक भाषाओं में से लगभग 13 की मांग सबसे ज्यादा है। कंपनी अपने ट्रेन एआई नामक प्रभाग के माध्यम से सांस्कृतिक पूर्वाग्रहों को दुरुस्त करने में मदद करने के लिए मूलभूत मॉडल बनाने वाली संस्थाओं के साथ साझेदारी कर रही है। यह प्रभाग लगभग तीन साल पहले शुरू किया गया था। कंपनी गूगल के जेमिनी, मेटा के लामा, कोहेयर और माइक्रोसॉफ्ट के साथ साझेदारी कर रही है।

First Published : December 17, 2025 | 11:08 PM IST