प्रतीकात्मक तस्वीर | फाइल फोटो
वित्त मंत्रालय ने तीन क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों (आरआरबी) से कहा है कि वे मार्च के आखिर तक अपने आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) के मसौदे संबंधित प्रायोजक बैंक के साथ-साथ वित्तीय सेवा विभाग के पास जमा कराएं। एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने अपनी पहचान जाहिर न करने की शर्त पर यह जानकारी दी।
वित्तीय सेवा विभाग ने मंगलवार को हरियाणा ग्रामीण बैंक, केरल ग्रामीण बैंक और तमिलनाडु ग्राम बैंक की आईपीओ संबंधी योजनाओं की समीक्षा के लिए बैठक बुलाई थी, जिसमें तीनों क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों के अलावा उनके प्रायोजक बैंकों के वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे।
अधिकारी ने कहा, ‘आईपीओ पर पूंजी नियोजन समिति एवं उप समिति ताजा पूंजी जुटाने के लिए प्रस्तावित मूल्यांकन पद्धति की रूपरेखा तैयार करेगी। बाजार नियामक भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड और भारतीय रिजर्व बैंक जैसे नियामकों से आवश्यक कानूनी अनुपालन की एक सूची तैयार की जाएगी।’
अधिकारी ने कहा कि सरकार की अगले दो वित्त वर्षों के दौरान कम से कम 5 क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को सूचीबद्ध कराने की योजना है। इनमें से तीन क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक वित्त वर्ष 2027 में सूचीबद्ध हो सकते हैं।
इसी साल मई में ‘एक राज्य, एक आरआरबी’ के तहत समेकन किए जाने से क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों की संख्या 48 से घटकर 23 ही रह गई थी। उसके बाद वित्त मंत्रालय ने प्रायोजक बैंकों से आईपीओ के लिए पात्र आरआरबी की सूची जमा करने के लिए कहा था। मौजूदा शेयरधारिता ढांचे के तहत केंद्र सरकार की क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों में 50 फीसदी हिस्सेदारी है, जबकि संबंधित राज्य सरकार की 15 फीसदी और प्रायोजक बैंक की 35 फीसदी हिस्सेदारी है।
पंजाब नैशनल बैंक (पीएनबी) द्वारा प्रायोजित हरियाणा ग्रामीण बैंक ने वित्त वर्ष 2025 में 376.6 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ और 15.31 फीसदी का पूंजी से जोखिम-भारित संपत्ति अनुपात (सीआरएआर) दर्ज किया। वित्त वर्ष 2025 में बैंक की सकल गैर-निष्पादित परिसंपत्ति (एनपीए) यानी फंसे कर्ज कुल ऋणों का 1.95 फीसदी तक कम हो गए और शुद्ध एनपीए शून्य बना रहा।
इसी तरह, इंडियन बैंक द्वारा प्रायोजित तमिलनाडु ग्राम बैंक ने वित्त वर्ष 2025 में 367.39 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ और 13.70 फीसदी का सीआरएआर दर्ज किया। वहीं इस बैंक का सकल एनपीए 0.79 फीसदी और शुद्ध एनपीए शून्य था। वहीं केनरा बैंक द्वारा प्रायोजित केरल ग्रामीण बैंक ने वित्त वर्ष 2025 में 312.89 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ दर्ज किया, जिसका सीआरएआर 13.93 फीसदी था। हालांकि वित्त वर्ष 2025 में सकल एनपीए 1.82 फीसदी था और शुद्ध एनपीए शून्य बना रहा।
वर्ष 2022 में जारी आरआरबी की सूचीबद्धता के लिए मसौदा पात्रता दिशानिर्देशों के अनुसार, पात्र बैंकों के पास लगभग 300 करोड़ रुपये की न्यूनतम नेटवर्थ होनी चाहिए और पिछले तीन वर्षों में से हर साल 9 फीसदी के नियामकीय न्यूनतम स्तर से ऊपर पूंजी पर्याप्तता अनुपात बनाए रखना चाहिए। उन्हें पिछले पांच वर्षों में से कम से कम तीन में लगभग 15 करोड़ रुपये का परिचालन लाभ भी दर्ज करना चाहिए और पांच वर्षों में से तीन वर्षों में इक्विटी पर 10 फीसदी का रिटर्न देना चाहिए।