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भारत के इलेक्ट्रिक वाहन (EV) उद्योग ने कैलेंडर वर्ष 2022 में 10 लाख वाहन बिक्री का आंकड़ा पार कर लिया है, जो कुल वाहन बिक्री का 4.7 प्रतिशत है।
सरकार की ‘वाहन’ वेबसाइट के आंकड़ों के मुताबिक 31 दिसंबर तक क्षेत्रीय परिवहन कार्यालयों में लगभग 10,03,000 इलेक्ट्रिक वाहन पंजीकृत किए गए हैं। यह संख्या 2021 में बेचे गए 3,32,000 वाहनों की तुलना में तीन गुना से ज्यादा का इजाफा दिखाती है।
इन आंकड़ों में तेलंगाना और लक्षद्वीप के आंकड़े शामिल नहीं हैं। ईवी बेड़े के परिचालकों द्वारा बिजनेस-टु-बिजनेस (बी2बी) खरीद तथा व्यक्तिगत स्तर पर अधिक खरीदारी के कारण बिक्री में यह इजाफा हुआ है। फेम-2 के संयोजन और चार्जिंग अवसंरचना के निर्माण से देश में ईवी की पैठ बढ़ी है। ईवी के अधिक इस्तेमाल से ओला इलेक्ट्रिक, एथर एनर्जी और टाटा मोटर्स जैसी विनिर्माताओं को बड़ा फायदा हुआ है।
त्योहारी सीजन की मांग और साल के आखिर में मिलने वाली छूट की वजह से अक्टूबर, नवंबर और दिसंबर में इलेक्ट्रिक वाहनों की मासिक बिक्री 1,00,000 का आंकड़ा पार कर गई। दिसंबर में 1,02,000 इलेक्ट्रिक वाहनों का पंजीकरण किया गया, जबकि अक्टूबर और नवंबर में क्रमशः 1,15,000 और 1,19,000 वाहनों की बिक्री हुई थी।
हालांकि बिक्री के लिहाज से दिसंबर संपूर्ण उद्योग के लिए खराब महीना साबित हुआ है, लेकिन चार-पहिया श्रेणी की सबसे बड़ी कंपनी टाटा ने 50,000 ईवी का आंकड़ा पार कर लिया।
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टाटा मोटर्स पैसेंजर व्हीकल्स और टाटा पैसेंजर इलेक्ट्रिक मोबिलिटी के प्रबंध निदेशक शैलेश चंद्र ने कहा ‘ईवी खंड में हमारे आक्रामक दृष्टिकोण ने सही जागरूकता पैदा करने और अपने ग्राहक आधार का विस्तार करने में हमारी मदद की, जिससे हम इस साल 50,000 ईवी बिक्री का आंकड़ा पार करने वाले देश की पहले वाहन विनिर्माता बन गए।’ इलेक्ट्रिक यात्री वाहन खंड में टाटा मोटर्स के पास 85 फीसदी बाजार हिस्सेदारी है।
उद्योग के अनुमानों के अनुसार इस साल के रुझानों को देखते हुए अगले 12 महीनों में प्रत्येक महीने में ईवी की बिक्री 1,00,000 का स्तर पार कर सकती है।