केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने आज कहा कि इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए किसी नई सब्सिडी या प्रोत्साहन की जरूरत नहीं है। उन्होंने संवाददाताओं से बात करते हुए कहा, ‘भारत का इलेक्ट्रिक वाहन क्षेत्र फर्राटा मारने को तैयार है। किसी नए प्रोत्साहन की जरूरत नहीं है क्योंकि पहले से चल रहे प्रोत्साहन ही इसके पूरे तंत्र को तेजी देने के लिए काफी हैं।’
गोयल ने कहा कि उन्होंने कहा कि इलेक्ट्रिक मोबिलिटी बताती है कि पेट्रोल-डीजल इंजन वाले वाहनों की जगह इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) का इस्तेमाल ज्यादा फायदेमंद है। बैटरी की लागत भी घटी है और बैटरी स्वैपिंग (खाली बैटरी देकर चार्ज्ड बैटरी लेना) की व्यवस्था होने से इलेक्ट्रिक वाहन रखने के आर्थिक फायदे नजर आते हैं।
सरकार ने कई वाहन कंपनियों और स्टार्टअप से भी बात की है। गोयल ने बताया कि बातचीत के दौरान उद्योग के भागीदारों ने सब्सिडी की जरूरत से एक सुर में इनकार कर दिया। उन्होंने कहा, ‘वहां मौजूद सभी लोगों की यही राय थी कि मौजूदा सब्सिडी व्यवस्था खत्म होने के बाद उनमें से किसी को भी सब्सिडी की जरूरत नहीं होगी।’ बैटरी चार्जिंग एवं स्वैपिंग का बुनियादी ढांचा तैयार करने के साथ ही ईवी के सुरक्षा मानकों पर भी विचार किया गया।
केंद्रीय भूतल परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने भी पिछले साल कहा था कि सब्सिडी की मांग अब उचित नहीं है क्योंकि उत्पादन लागत बहुत घट गई है और लोग अब खुद ही ईवी या सीएनजी वाहन खरीदने लगे हैं।
गोयल ने कहा कई युवाओं के आने से स्टार्टअप क्षेत्र में उत्साह नजर आ रहा है। उन्होंने कहा, ‘स्टार्टअप समस्याओं के नए समाधान ला रही हैं। साथ ही वे रोजगार के अवसर भी तैयार कर रही हैं।’ 110 से अधिक यूनिकॉर्न के साथ भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़े स्टार्टअप तंत्र वाला देश है।
क्विक कॉमर्स स्टार्टअप क्षेत्र की यूनिकॉर्न जेप्टो अपनी होल्डिंग कंपनी को सिंगापुर से वापस भारत ला रही है और कई अन्य कंपनियां भी ऐसा करने जा रही हैं। इस पर गोयल ने कहा, ‘यह अच्छा संकेत है और आगे जाकर भारत स्टार्टअप के लिए पसंदीदा ठिकाना बन जाएगा।’ उन्होंने कहा कि सरकार ऐसे स्टार्टअप की भारत वापसी आसान बनाने के लिए पूरे प्रयास करेगी।
दूसरी क्विक कॉमर्स स्टार्टअप ब्लिंकइट ने गुरुग्राम के चुनिंदा इलाकों में 10 मिनट के भीतर एंबुलेंस पहुंचाने की सेवा शुरू की है। गोयल ने कहा, ‘ मैं इतना ही कहूंगा कि ऐसा करते समय वे पक्का करें कि कानूनों का पूरा पालन तो हो रहा है और दूसरी जरूरी कानूनी जरूरतों का पूरा ध्यान रखा गया है या नहीं। किसी भी कानून का उल्लंघन नहीं होना चाहिए।’
गोयल ने कहा कि सरकार स्टार्टअप की मदद कर रही है और उन्हें सहारा दे रही है। उन्होंने बताया कि 43 फीसदी स्टार्टअप में कम से कम एक महिला सह-संस्थापक या निदेशक हैं, जिससे स्टार्टअप में महिलाओं की भागीदारी बढ़ रही है।