प्रतीकात्मक तस्वीर | फाइल फोटो
ऐपल इंक के तेलंगाना स्थित कारखाने का संचालन फॉक्सकॉन उसके एयरपॉड की असेंबलिंग के लिए करती है। यह कारखाना वायरलेस ईयरबड के लिए जापान से दुर्लभ खनिज मैग्नेट खरीद रहा है ताकि कंपनी को आपूर्ति के संबंध में चीनी सरकार के दबाव से निपटा जा सके। आपूर्ति की इस कमी के कारण कंपनी को जून के अंत तक दो सप्ताह के लिए संयंत्र बंद करना पड़ा था, जो अभूतपूर्व कदम था।
इस घटनाक्रम से अवगत सरकारी सूत्रों का कहना है कि ऐपल इंक की इस चुस्त कार्रवाई से कंपनी को जुलाई की शुरुआत से कोंगरा कलां स्थित कारखाने में एयरपॉड्स का उत्पादन दोबारा शुरू करने में मदद मिली है। उत्पादन में निरंतरता सुनिश्चित करने के लिए ऐपल इंक ने सरकार को बताया है कि चीन के दबाव से निपटने के लिए कंपनी मैग्नेट के लिए अन्य स्रोतों पर विचार कर रही है, जिसमें उज्बेकिस्तान भी शामिल है।
वर्तमान में एयरपॉड केवल निर्यात के लिए हैं, खास तौर पर अमेरिका और यूरोप को। सूत्रों का कहना है कि कंपनी ने सरकार को सूचित किया है कि इससे चीन के मुकाबले भारत में एयरपॉड के उत्पादन की लागत बढ़ सकती है और इससे वे वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी क्षमता गंवा सकते हैं, खास तौर पर इस लिहाज से कि निर्यात पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है।
ऐपल ने इस संबंध में पूछे गए सवाल का जवाब नहीं दिया और फॉक्सकॉन को भेजे गए ईमेल का खबर लिखे जाने कोई जवाब नहीं मिला। इस संयंत्र ने इस साल अप्रैल से एयरपॉड की असेंबली शुरू कर दी थी, लेकिन जून में मैग्नेट की आपूर्ति में गंभीर समस्याएं आने लगीं, जिससे कंपनी को दो सप्ताह के लिए कारखाना बंद करना पड़ा था।
फॉक्सकॉन की सहायक कंपनी फॉक्सकॉन इंटरकनेक्ट टेक्नॉलजी ने इस संयंत्र में 50 करोड़ डॉलर का निवेश किया है और यहां 5,000 से ज्यादास कर्मचारी पहले से ही केवल निर्यात बाजार के लिए एयरपॉड बना रहे हैं। यह संयंत्र अपनी पूरी क्षमता पर 15,000 से ज्यादा कर्मचारियों को नियुक्त करेगा।