भारत में कुल स्मार्टफोन शिपमेंट में 5G हैंडसेट की हिस्सेदारी 2025 की पहली छमाही के दौरान 87 फीसदी तक बढ़ गई, जो देश में उपभोक्ताओं के बीच नए तकनीक वाले फोन को अपनाने की बढ़ते ट्रेड को दिखाता है।काउंटरपॉइंट रिसर्च के लेटेस्ट ग्लोबल डेटा के अनुसार, भारत अब वैश्विक स्तर पर 14वें स्थान पर है। किसी देश की रैंकिंग उसके कुल स्मार्टफोन शिपमेंट में 5G हिस्से के आधार पर तय होती है।
2023 की पहली छमाही में यह हिस्सेदारी 47 फीसदी थी और देश 40वें स्थान पर था। 2024 की पहली छमाही में यह उल्लेखनीय रूप से बढ़कर 74 फीसदी हो गई और भारत ग्लोबल रैंकिंग में 29वें स्थान पर पहुंच गया।
हालांकि, भारत को अभी लंबा रास्ता तय करना है। ज्यादातर विकसित देशों में 5G की हिस्सेदारी 90 फीसदी या उससे ज्यादा है। इसका कारण यह है कि 30 करोड़ से ज्यादा भारतीय अभी भी 2G और 3G फोन इस्तेमाल करते हैं और 4G में अपग्रेड होने की प्रक्रिया भी धीमी रही है।
दक्षिण कोरिया और जापान इस लिस्ट में टॉप पर हैं, जहां 2025 की पहली छमाही में कुल स्मार्टफोन शिपमेंट में 5G फोन का हिस्सा 97 फीसदी रहा। इसके बाद चीन और कनाडा 94 फीसदी के साथ हैं और अमेरिका थोड़ा पीछे 93 फीसदी पर है।
काउंटरपॉइंट की विश्लेषक शिल्पी जैन का कहना है कि भारत को टॉप 5 में आने में दो से तीन साल लगेंगे क्योंकि पश्चिमी यूरोपीय देशों में 5G की पहुंच पहले से ही काफी है। लेकिन जैन का कहना है कि उन्हें उम्मीद है कि भारत 2026 तक 90 फीसदी का आंकड़ा पार कर जाएगा।
Also Read: ज्वेलरी, बार या ETF: सोने में निवेश के लिए क्या है सबसे अच्छा विकल्प?
लेकिन भारत ग्लोबल एवरेज से आगे था, जो 2025 की पहली छमाही में कुल शिपमेंट का 71 फीसदी था। शोध के आंकड़ों के अनुसार, लिस्ट में निचले दस देशों में पाकिस्तान और बांग्लादेश शामिल हैं, जिनके शिपमेंट में औसतन 5G का योगदान 15 फीसदी था।
वेनेजुएला इस लिस्ट में सबसे नीचे था, जहां 5G की हिस्सेदारी कुल स्मार्टफोन शिपमेंट का मात्र 1 फीसदी थी, जबकि निचले दस देशों में से छह अफ्रीकी देश थे, जिनमें घाना, तंजानिया, इथियोपिया, केन्या, कांगो और अल्जीरिया शामिल थे। इनकी हिस्सेदारी 11 फीसदी से 22 फीसदी के बीच थी।
Also Read: H-1B वीजा पर सख्ती के बाद अब चीनी वर्कस यूरोप में तलाश रहें विकल्प
ग्लोबल स्मार्टफोन एक्सपोर्ट सेक्टर में भारत का प्रतिद्वंद्वी, वियतनाम भी 5G फोन अपनाने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है। 2025 की दूसरी तिमाही में धीमी शुरुआत के बाद, इसने एक बड़ा मील का पत्थर पार कर लिया है जहां देश में भेजे गए आधे फोन 5G थे, जबकि पिछले साल इसी तिमाही में यह संख्या 35 फीसदी था। यह बदलाव वियतटेल, मोबिफोन और वीएनपीटी जैसे ऑपरेटरों द्वारा देश में 5G इंफास्ट्रक्चर के तेजी से विस्तार की पृष्ठभूमि में हो रहा है।