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KSH International IPO Open: ₹710 करोड़ के इश्यू में पैसा लगाना सही? जानें ब्रोकरेज की सलाहदिसंबर में भारत का फ्लैश PMI घटकर 58.9 पर, फरवरी के बाद सबसे धीमी ग्रोथरुपया पहली बार 91 के पार, महज 5 सेशन में 1% टूटा; डॉलर के मुकाबले लगातार क्यों टूट रही भारतीय करेंसीइंडसइंड बैंक में 9.5% तक हिस्सेदारी खरीदेगा HDFC Bank, रिजर्व बैंक से मिली मंजूरीICICI Pru AMC IPO: अप्लाई करने का आखिरी मौका, अब तक कितना हुआ सब्सक्राइब; GMP क्या दे रहा इशारा ?क्या ₹3 लाख प्रति किलो पहुंचेगी चांदी? एक्सपर्ट्स ने बताया- निवेशकों को क्या सावधानी बरतनी चाहिएGold silver price today: सोने-चांदी की कीमतों में गिरावट, MCX पर देखें आज का भावडॉनल्ड ट्रंप ने BBC पर 40,000 करोड़ रुपये का मानहानि मुकदमा दायर कियाबायोकॉन ने नीदरलैंड में उतारी मोटोपे और डायबिटीज के इलाज की दवाजियोस्टार को मिला नया सीएफओ, जानिए कौन हैं जीआर अरुण कुमार
ताजा खबरें

श्रम संहिता में अभी वक्त

बहुप्रतीक्षित श्रम संहिताओं को लागू करने में केंद्र सरकार को कुछ और समय लगेगा, हालांकि अधिकांश राज्य और केंद्र शासित प्रदेश इस संबंध में नियम बना चुके हैं। अनुमान लगाए जा रहे थे कि इन्हें शुक्रवार से लागू किया जाएगा। जहां एक ओर 30 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों ने वेतन संहिता पर नियम बनाए […]

अन्य समाचार

यूपी वालों को मुंबई में मिलेगा दफ्तर

योगी सरकार ने मुंबई में रहने वाले उत्तर प्रदेश के लोगों को बड़ी सौगात दी है। प्रदेश सरकार अपने लोगों के लिए मुंबई में दफ्तर खोलेगी। प्रदेश के मुंबईकरों को यह सौगात जल्द ही मिलेगी। योगी सरकार की ओर से मुंबई में खोले जा रहे इस कार्यालय का उद्देश्य वहां रह रहे प्रदेश के लोगों […]

लेख

कोविड के तूफान में लडख़ड़ाता मुल्क

क्या भारत एक नाकाम देश है? समाचार पत्रिका इंडिया टुडे को ऐसा ही लगता है।  परंतु मैं इससे विनम्र असहमति रखता हूं। भारत अब तक नाकाम देश नहीं है। यदि ऐसा होता तो पत्रिका अपने कवर पर ऐसा शीर्षक न लगा पाती और मैं यह आलेख न लिख पाता। यदि ऐसा होता तो हम नहीं […]

लेख

पुराने विचारों की बाढ़

सन 1982 में जब मैं पहली बार अमेरिका की यात्रा पर गया तो मैंने दो चीजें एकदम साफ तौर पर महसूस कीं। पूंजीवादी विचारधारा होने के बावजूद अमेरिकी समाज आश्चर्यजनक रूप से समानता वाला था। ऐसा दूसरे विश्वयुद्ध के बाद बनी सामाजिक सुरक्षा, कराधान और श्रम नीतियों तथा औद्योगिक वृद्धि की बदौलत था। जो लोग […]

लेख

दोहरी समस्या

भारत में सामाजिक लोकतंत्र है या लोकतांत्रिक समाजवाद? यह शब्दों की बाजीगरी प्रतीत होती है लेकिन दोनों में काफी अंतर है। पहली व्यवस्था लोकतांत्रिक है, यह काफी हद तक विनियमित पूंजीवादी ढांचे में काम करती है। ऐसी व्यवस्था में सामाजिक सुरक्षा के प्रावधानों के वित्त पोषण के लिए बजट अहम है। ये प्रावधान अमीरों की […]

अर्थव्यवस्था

गिग वर्कर्स के लाभ संबंधी जानकारियां करनी होंगी अद्यतन

केंद्र सरकार की ओर से प्रकाशित मसौदा श्रम नियमों के मुताबिक गिग अर्थव्यवस्था में शामिल कामगारों को सामाजिक सुरक्षा का लाभ लेते रहने के लिए निरंतर अपनी जानकारियों को वेब पोर्टल पर अद्यतन करना होगा। वहीं गिग कंपनियों को भी स्व आकलन के जरिये एक कोष में अपना योगदान देना होगा। सामाजिक सुरक्षा (केंद्रीय) नियम, […]

लेख

बचाव की प्रार्थना

वित्त मंत्रालय में जल्द ही बजट निर्माण प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। इस समय राजकोषीय हालात पिछले तीन दशक में सर्वाधिक निराशाजनक स्तर पर हैं और अप्रत्याशित चुनौतियां सामने हैं। बीते दो वर्षों में गैर ऋण राजस्व की वृद्धि दर नॉमिनल जीडीपी (वास्तविक वृद्धि और मुद्रास्फीति) से कमजोर रही। इस वर्ष की नॉमिनल जीडीपी ज्यादा से […]

अर्थव्यवस्था

अस्थायी कामगारों को देना होगा अंशदान!

अस्थायी एवं एक निश्चित समय के लिए अनुबंध पर काम करने वाले कर्मचारियों (गिग वर्कर) को भविष्य निधि एवं बीमा लाभ लेने के लिए अपने हिस्से से मामूली अंशदान करना पड़ सकता है। सरकार ने हाल में ही एक नया सामाजिक सुरक्षा ढांचा तैयार किया है, जो ऐसे कर्मचारियों के लिए लागू होगा। इसके अलावा […]

लेख

अनुबंधित रोजगार और समर्थन

सरकार ने हाल ही में देश के श्रम बाजार नियमन को एक हद तक लचीला बनाने संबंधी जो कदम उठाए हैं, वे लंबे समय से प्रतीक्षित थे और उनका स्वागत किया जाना चाहिए। कुछ अन्य ऐसे सुधार हैं जिनके बारे में लंबे समय से अर्थशास्त्रियों का यह मानना रहा है कि देश की वृद्धि संभावनाओं […]

लेख

वाकई में सुधार ला रही है केंद्र की मोदी सरकार?

नरेंद्र मोदी सरकार ने कृषि क्षेत्र में बड़े सुधारों की मंशा से लाए गए तीनों विधेयकों को संसद से पारित करा लिया है। इनमें से एक विधेयक अनुबंध कृषि को कानूनी दर्जा देता है तो दूसरा विधेयक कृषि उत्पादों के मुक्त व्यापार को संभव बनाता है। मैंने इस स्तंभ में जून में ही लिखा था […]