पायलट ने यहां कहा, हम अपने मंत्रालय, सेबी, आरबीआई, रक्षा मंत्रालय, वित्त मंत्रालय आदि नियमों के बीच अंतराल को दूर करने की कोशिश कर रहे हैं और जहां तक नियमों व नियमन का संबंध में हम एक एकीकृत परिदृश्य देना चाहते हैं।
उन्होंने कहा, अर्थव्यवस्था के समक्ष चुनौतियां हैं और निवेश की जरूरत है.. आर्थिक वृद्धि उतनी जबरदस्त नहीं है जितनी हम चाहते हैं। इन परिस्थितियों में यह हम सभी के लिए अपरिहार्य हो जाता है कि निवेश को और अधिक आसान बनाया जाय और अनुपालन को और अधिक स्व..नियमित किया जाय।
पायलट ने कहा, जो भी जानबूझकर नियमों का अनुपालन नहीं करता है, उसे इसकी कीमत चुकानी होगी। सेबी अपना काम कर रहा है, कंपनी मामलों का मंत्रालय अपना काम कर रहा है, लेकिन इनके काम के बीच तालमेल शायद असंभव है।
मंत्री ने कहा कि कंपनी मामलों के मंत्रालय, सेबी, आरबीआई आदि को कारपोरेट धोखाधड़ी रोकने के लिए अपने पास उपलब्ध आंकड़ों को साझा करना चाहिए।