सोसायटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्यूफैक्चरर्स (सियाम) ने आज कहा कि बिक्री बढ़ाने के लिए वाहन उद्योग क्षमता विस्तार और निवेश के संबंध में दोबारा विचार कर सकता है।
सियाम के अध्यक्ष रवि कांत ने एसीएमए के सालाना सम्मेलन के मौके पर कहा, ‘वाहन उद्योग खुद को आपको मुश्किल में पा रहा है और मुझे भरोसा है कि सभी इस बात पर विचार करेंगे कि क्या टाला जा सकता है और क्या रद्द किया जा सकता है।’
उन्होंने कहा कि ऑटोमोटिव मिशन प्लान 2016 के मुताबिक निवेश की कई घोषणाएं की गई थीं और उनमें से कुछ पूरी हो गई हैं। लेकिन मौजूदा स्थिति को देखते हुए इसमें बदलाव लाया जा सकता है। कांत का कहना है, ‘जहां तक क्षमता की बात है तो इस पर मुख्य रूप से विचार किया जाएगा।’ कांत टाटा मोटर्स के प्रबंध निदेशक भी हैं।
उन्होंने कहा कि उच्च ब्याज दरों और वित्त की कमी के कारण बिक्री में हो रही कमी ऑटो विनिर्माताओं को प्रभावित कर रही है। उन्होंने कहा कि यह गंभीर मसला है। मुनाफा और मार्जिन घट रहा है। उन्होंने मौजूदा परिस्थिति को गंभीर बताते हुए कहा कि उद्योग पर विदेशी मुदा विनिमय दर में बढ़ोतरी का भी असर हो रहा है। कांत ने कहा, ‘घरेलू बाजार में हमें मुश्किल हो रही है और बाहर से भी हमें कोई मदद नहीं मिल रही है।’